अधिकारी बैठक में सर्वसम्मति से प्रमुख ने लिया वरीय अधिकारियों से शिकायत का निर्णय !
समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड के अधिकारियों के विकास विरोधी रवैया के कारण विकास कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है। यह बातें कहीं प्रमुख स्मिता शर्मा ने सोमवार को पंचायत समिति भवन में आयोजित अनौपचारिक बैठक एवं प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए। प्रमुख श्रीमती शर्मा ने बताया कि पन्द्रहवें वित्त आयोग से 70 लाख से अधिक की सोलह योजनाओं को अभियंताओं के द्वारा तकनीकी स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके बावजूद बीडीओ द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दिए जाने से सारा विकास कार्य ठप हो गया है। यदि और विलंब प्रशासनिक स्वीकृति नहीं होगी तो आचार संहिता लगने के बाद किसी भी प्रकार का विकास कार्य होना असंभव हो जाएगा। इसके साथ हैं प्रमुख सहित अन्य पंचायत समिति सदस्यों ने बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ एवं अन्य अधिकारियों के प्रखंड मुख्यालय स्थित आवास में नहीं रहने के कारण लोगों का कार्य नहीं होने की जोरदार शब्दों में शिकायत की। सदस्यों ने बीडीओ के आवास में अन्य कर्मचारियों के रहने की निंदा की। जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के द्वारा मनमानी कीमत पर गरीबों को खाद्यान्न दिए जाने की जोरदार शब्दों में शिकायत की गई। सदस्यों ने बताया के पोस मशीन से जो पर्ची वाजिब कीमत की निकलती है,उससे अधिक पैसा डीलरों के द्वारा वसूल किया जा रहा है।मोरवा प्रखंड के अधिकारियों के द्वारा पंचायत के प्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दिए जाने की भर्त्सना की गई। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा पूर्व की बैठक से पारित एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दिए जाने एवं प्रखंड में चल रही रिश्वतखोरी, लूट खसोट एवं डीलरों की धांधली अविलंब बंद नहीं होने पर वरीय अधिकारियों से शिकायत करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। पंचायत समिति सदस्य एवं पूर्व उप प्रमुख अनिल कुमार सिंह, वासुदेव सहनी, गोपाल कुमार राय, पंकज कुमार पोद्दार, सुरेश दास, हेमा देवी, सत्येंद्र कुमार राय, राज बब्बर सहनी, राजू गुप्ता, आदि ने बैठक को संबोधित किया। मौके पर प्रमुख प्रतिनिधि अवधेश कुमार शर्मा, उपप्रमुख प्रतिनिधि डॉ मनोहर प्रसाद सिंह, पूर्व मुखिया प्रशन्न कुमार झा, चंदन कुमार, चंद्रशेखर सिंह, रमन कुमार सहित अधिकांश पंचायत समिति सदस्य, प्रखंड एवं अंचल कर्मी, तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।