• प्रथम चरण में 8 अप्रैल को सफल उपचार के बाद लौटे थे 15 बच्चे
• फरवरी में प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हुआ था हस्ताक्षर
• 2 अप्रैल को 21 बच्चों को दिल में छेद के ईलाज के लिए वायुयान से भेजा गया था अहमदाबाद
पटना/ 17 अप्रैल: कोरोना संक्रमण काल में राज्य के लिए एक अच्छी खबर आई है. सात निश्चय योजना-2 के तहत ‘बाल हृदय योजना’ के अंतर्गत ह्रदय का सफ़ल ईलाज करा कर बच्चों का दूसरा दल शनिवार को इंडिगो फ्लाइट से अहमबदाबाद से वापस पटना लौटा है. बिहार से दिल के छेद के ईलाज के लिए पटना से अहमदाबाद के लिए भेजे गए 21 बच्चों में 15 बच्चे अपना सफ़ल ईलाज करा कर 8 अप्रैल को वापस आये थे. जबकि शनिवार को 4 बच्चों का दूसरा दल पटना एयरपोर्ट पहुंचा. सभी ईलाज कर वापस लौटे बच्चों का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों की तरफ़ से स्वागत किया गया. बताते चलें 2 अप्रैल को बिहार से दिल के छेद की समस्या से ग्रसित 21 बच्चों को पटना से अहमदाबाद ईलाज के लिए भेजा गया था.
ये 4 बच्चे सफ़ल ईलाज कर लौटें:
1. रूबी खातून, जिला- बेगुसराय
2. मयंक राज, जिला- वैशाली
3. बेबी पलक, जिला- भोजपुर
4. काजल कुमारी, जिला- नालंदा
बच्चों के साथ एक-एक अभिभावक भी थे साथ:
ईलाज के लिए भेजे गए सभी बच्चों के साथ उनके एक-एक अभिभावक को भी साथ रखा गया था. साथ ही समन्वयन के लिए दो समन्वयक भी भेजे गए थे. सभी बच्चों का ईलाज प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के अहमदाबाद स्थित अस्पताल में संपन्न हुआ है.
बाल ह्रदय योजना के तहत मिली सुविधा:
बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है. सुशासन के कार्यक्रम के अंतर्गत सात निश्चय-2 के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों के निशुल्क उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु नई योजना बाल हृदय योजना पर 5 जनवरी, 2021 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति दी गई है. योजना 1 अप्रैल,2021 से लागू है। इसी योजना के तहत बच्चों को निःशुल्क ईलाज मिला है. इसके लिए 13 फरवरी, 2020 को बिहार सरकार ने प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था. प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन राजकोट एवं अहमदाबाद आधारित एक चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल है तथा इसके द्वारा बाल हृदय रोगियों की पहचान कर मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. जबकि बच्चों की शुरूआती स्क्रीनिंग से लेकर बच्चों के आने-जाने का खर्च बिहार सरकार वहन करती है.
इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान एवं इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भी हुयी थी जाँच:
प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन के साथ एमओयू साइन होने के बाद 10 मार्च, 2021 इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना में 126 बच्चों तथा 11 मार्च, 2021 को इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में 73 बच्चों की जाँच को प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाऊंडेशन संस्थान के चिकित्सकों द्वारा की गयी थी.