- पखवाड़े में बना 1 लाख से अधिक गोल्डेन कार्ड
-ज़िले के सभी अधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं कार्यपालक सहायक के सहयोग से मिली सफ़लता
-पंचायत के सभी वार्ड सदस्यों के सहयोग से बीपीएल परिवारों को किया गया था जागरूक
-जारी रहेगा गोल्डन कार्ड बनना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अतिमहत्वकांक्षी योजनाओं में शुमार स्वास्थ्य औऱ परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित “आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” के तहत आयोजित पखवाड़ा में मधुबनी को राज्य में 5 वां स्थान मिला है। ज़िले में वसुधा केंद्र सहित पंचायतों में विशेष शिविर लगाकर विशेष अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया गया। जिसमें जिले के 299 कार्यपालक सहायक योजना को सफल बनाने में सराहनीय योगदान दिया। वहीं आईटी मैनेजर प्रभाकर रंजन के बेहतर तकनीकी सहयोग के कारण जिले में विशेष अभियान के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाया गया।
मधुबनी जिला प्रभारी सिविल सर्जन डॉ० एस०एस० झा ने कहा ज़िले के लाभुक परिवार को गोल्डन कार्ड बनाने में शत-प्रतिशत उपलब्धि के लिए 17 फरवरी से 31 मार्च तक आयुष्मान पखवाड़ा आयोजित किया गया था। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के संबंध में जिलेवासियों को जागरूक करने देने के लिए जिला से लेकर प्रखंड व पंचायत स्तर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आयुष्मान पखवाड़ा को शत प्रतिशत सफल बनाया गया है। ज़िले के सभी ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर का आयोजन एवं योजना से संबंधित प्रचार प्रसार के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया गया था। ज़िले के सभी चौक चौराहों, सार्वजनिक स्थल, आरटीपीएस काउंटर, प्रखंड कार्यालय व ग्राम पंचायतों में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता लाने के लिए बैनर व पोस्टर लगाया गया था। ताकि गांव के लोगों को इसकी जानकारी मिल सके।
सभी अधिकारियों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से मिली सफ़लता:
आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया आयुष्मान पखवाड़ा में ज़िला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के बाद सफ़लता मिली हैं। निर्वाचन कार्य की तरह ही पंचायत के सभी वार्ड सदस्यों के साथ मिलकर माइक्रोप्लान बनाया गया था। पंचायती राज विभाग के कार्यपालक सहायकों से पंचायत स्तर पर सेवा ली गई। जिन ग्राम पंचायतों में पंचायती राज कार्यपालक सहायक उपलब्ध नहीं थे उस स्थल पर आयुष्मान पखवाड़े तक के लिए स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं कार्यपालक सहायकों से कार्य कराया गया।
पखवाड़े में बना 1 लाख से अधिक गोल्डेन कार्ड :
आयुष्मान भारत के ज़िला समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया जिले में 17 फरवरी से 31 मार्च तक चले पखवाड़ा में लगभग 1 लाख 1 हजार 599 कार्ड बनाया गया। जिसमें अंधराठाढ़ी प्रखंड में 6503, बाबूबरही में 4325, बासोपट्टी में 3754, बिस्फी में 8336, बेनीपट्टी में 5061, घोघरडीहा में 5111, हरलाखी में 1665, जयनगर में 5520, झंझारपुर 5170, कलुआही 2065, खजावली 1890, खुटौना 6341, लदनिया 1520, लखनौर 6549, लौकही 6301, मधेपुर 8792, मधवापुर 1926, पंडोल 8051, फुलपरास 2815, रहिका 5475, राजनगर 4429 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। आयुष्मान भारत योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी के द्वारा एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। योजना के लाभार्थी अपना नाम खुद mera.pmjay.gov.in वेबसाइट पर देख सकते हैं या फ़िर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल के माध्यम से जानकारी ले सकते हैं। ज़िला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल सहित ज़िले के सभी अस्पतालों में प्रतिदिन कार्ड बनवाने के लिए भीड़ लगी रहती है, क्योंकि मरीजों को विभिन्न बीमारियों का इलाज़ व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं ससमय मिलती हैं।
जिले में 23.70 लाख लोगों का बनना है कार्ड:
जिले में 4,91,247 परिवारों का गोल्डन कार्ड बनना है तथा इन परिवारों में 23,70,685 सदस्यों का कार्ड बनाया जाना है जिसमें 1,12,000 परिवारों का कार्ड बन चुका है तथा 2,20,000 परिवार के सदस्यों का कार्ड बनाया जा चुका है।
सुविधा शुल्क लेने वाले पर की जाएगी कार्यवाई: डीसी
जिलेवासियों से अपील करते हुए आयुष्मान भारत के ज़िला समन्वयक कुमार प्रियरंजन ने बताया पखवाड़े के समाप्ति के बाद भी लाभुकों को यह सुविधा दी गई है कि वे लोग किसी भी दिन अपने नजदीकी सुविधा केंद्र पर जाकर आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क गोल्डेन कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए किसी भी तरह की कोई सुविधा शुल्क नहीं ली जाएगी। अगर ऐसी शिकायत मिलती है, तो उनलोगों पर विभागीय कार्यवाई भी की जा सकती है।
पंचायत वार्ड सदस्यों के सहयोग से बीपीएल परिवारों को किया गया था जागरूक:
आयुष्मान पखवाड़े के दौरान आयोजित शिविर के माध्यम से बीपीएल परिवार के लाभार्थियों को वार्ड सदस्य के सहयोग से लगातार जागरूक किया जा रहा था। व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड, आधार नंबर तथा परिवारिक सदस्यता सत्यापन के लिए राशन कार्ड या प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित पत्र के साथ विशेष शिविर में आने के लिए प्रेरित किया गया था। कार्ड के निर्माण में जीविका दीदी, आशा कार्यकर्ता, एएनएम के साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र के एमओआईसी, बीएचएम व बीसीएम के द्वारा काफ़ी सहयोग किया गया है। विशेष शिविर के दौरान कोविड-19 के नियमों का अक्षरशः पालन किया गया था।