अपराध के खबरें

जागरूकता से जिले में काला जार मरीजों की संख्या में आई कमी

- कलाजार से बचाव में मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें
 - कालाजार से बचाव के लिए हो रहा है कीटनाशकों का छिड़काव 
- अभी जिले में 11 काला जार के मरीज

प्रिंस कुमार 

पूर्वी चम्पारण जिले में कालाजार के खात्मे के लिए जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिससे कालाजार के मामलों में कमी आ रही है। फरवरी माह तक कालाजार रोग से पीड़ितों की संख्या मात्र 11 है। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी शरद चन्द्र शर्मा ने बताया पूर्वी चम्पारण को कालाजार से मुक्त करने के विभिन्न दिशाओं में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके लिये महादलित बस्तियों, झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों में कालाजार से बचाव के लिए तरह तरह के सुझाव, व परामर्श दिए जा रहे हैं । कालाजार रोग को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार काफी गम्भीर है । इसके उन्मूलन के लिये सभी को आस पड़ोस के वातावरण को साफ सुथरा रखने, शौचालय की सफ़ाई करने, एवम लगातार मछड़दानी का प्रयोग करने की सलाह लोगों को दी जाती है। 
भिबीडीसीओ धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका एवं अन्य विभागों के समेकित प्रयास पर बल दिया गया है । 

21 प्रखंडों में हो रहा छिड़काव
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कालाजार की बीमारी से बचाव के लिए जिले के 21 प्रखंडों, दलित बस्तियों, में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव किया जा रहा है । जिनलोगों को कालाजार की बीमारी हो जाती है उनका इलाज जिला अस्पताल के साथ कई अन्य अस्पतालों में भी मुफ्त किया जाता है। साथ ही इलाज के साथ आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है । जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरदचन्द्र श्रीवास्तव ने बताया पहले कीटनाशक दवा का छिड़काव दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर हो रहा है। वहीं इसके चक्र की अवधि को भी 60 से 66 दिनों तक किया गया है। 

छिड़काव के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें 
- घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें 
- अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें। 
- भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।
- रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव कराएं।

 कालाजार के निम्नलिखित लक्षण हैं 

- रुक-रुक कर बुखार आना
- भूख कम लगना
- शरीर में पीलापन और वजन घटना
 - तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना 
- त्वचा सूखी और पतली होना 
- बाल का झड़ना

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