बिहार में बनने वाले पहले एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा को लेकर जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बताते चलें कि उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला पहला एक्सप्रेस-वे आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे को 189 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा। इस फोरलेन का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण
दरभंगा-आमस फोरलेन के निर्माण को लेकर जमीन अधिग्रहण की
प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए पटना जिले के फतुहा और धनरूआ प्रखंड में लगभग 238 एकड़ जमीन की जरूरत है। NHAI( भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ) ने दोनों प्रखंडों में पड़ने वाले 12 गांवों की सूची तैयार कर भूमि अधिग्रहण के लिए जिलाधिकारी को भेज दिया गया है। भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले इस फोरलेन सड़क को बनाने में जिन किसानों से जमीन की मांग करनी है, उनकी पहचान कर अंचल पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।
किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान
बताते चलें कि आमस से दरभंगा तक बनने वाला फोरलेन में अधिकांश गांवों में कृषि भूमि की आवश्यकता होगी, जहां एमवीआर के अनुसार किसानों को जमीन का मुआवजा भुगतान किया जाएगा। किसानों की पहचान के बाद उनके बैंक अकाउंट में मुआवजा राशि भेजा जाएगा। आमस-दरभंगा फोरलेन फतुहा प्रखंड में कच्ची दरगाह से बिदुपुर गंगा सेतु होकर दरभंगा को गया जिले के आमस से जोड़ेगा।