अकबरपुर(नवादा): कौमी एकता और श्रद्धा की मिसाल के तौर पर मनाई जाने वाली मड़ही पूजा प्रखंड के कुहिला में रविवार से शुरू हो गई। मड़ही पूजा में वारिस पिया के यहां हाजिरी लगाने के लिए देश भर हजारों श्रद्धालु कुहिला पहुंचे हैं। यह आयोजन दो दिनों तक चलेगा। रविवार को राज्य के कई जिलों के अलावे अन्य कई राज्यों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने संत शिरोमणि बाबा हकीम शाह की समाधि पर श्रद्धा के साथ चादरपोशी की। इस दौरान कौमी एकता की रसधार बहती रही। हिन्दू और मुसलमान एक साथ वारिस पिया की अराधना करते दिखे। दूर-दराज से आए लोगों के अलावे इलाके से भी काफी संख्या में लोग पूजा-अर्चना और चादरपोशी करने पहुंचे। आयोजन समिति के सदस्य अशोक सिंह ने बताया कि दो दिनों तक मजार पर चादरपोशी की जाती हैं। जहां हजारों की संख्या में लोग आकर चादरपोशी करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। सूफी सम्प्रदाय के वारिस पिया पर हिन्दू एवं मुसलमान दोनों सम्प्रदाय के लोग श्रद्धा-भक्ति एवं विश्वास के साथ चादरपोशी करते हैं। कुहिला स्थित वारिस पिया की गद्दी का ही यह दूसरा रूप हैं। ऐसी मान्यता है कि इंसान अगर सच्चे मन से मन्नते मांगता हैं तो उनकी मुरादें अवश्य ही पूरी होती है। इसी का प्रभाव है कि प्रत्येक वर्ष होलिका दहन के बाद चैत के सातवां दिन को यहां पूजा-अर्चना एवं चादरपोशी करने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच वारिस पिया की गद्दी पर माथा टेकते हैं। भक्ति में लोग सराबोर होकर लोग पूजा-अर्चना करने में लीन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूजा में कोविड-19 का गाइडलाइन पालन करते हुए पूजा-अर्चना की जा रही है कोरोना के चलते इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ कम नजर आ रहे है।