- केयर बीएम नारायण ने गृह भ्रमण कर लगातार की मॉनिटरिंग
मोतिहारी,15 अप्रैल। एक मां जो अपने बच्चे को देख तो नहीं सकती थी, पर उसका कष्ट उसके हृदय को भेद रहा था। आदापुर बेलवा की नजबुन्निसा ने 10 अप्रैल को एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चे को जन्म दिया। जन्म के समय बच्चे का वजन 2260 ग्राम था। जन्म के बाद नजबुन्निसा अपने घर आ गयी। उसका पति ईश मुहम्मद भी अपने दिहाड़ी में व्यस्त हो गया, पर ठीक से स्तनपान नहीं करने की वजह से नवजात कमजोर होने लगा। तभी एक दिन बाद आदापुर केयर बीएम नारायण सिंह नजबुन्निसा के घर पहुंचे। जब वह बच्चे का हाल पूछने लगे तो नजबुन्निसा ने बताया कि बच्चा ठीक से स्तनपान नहीं कर रहा था। जिससे वह दिन भर रोता रहता था। मेरी आंखे नहीं होने के कारण मैं बच्चे को देख भी नही सकती थी।
ट्रैकिंग में बच्चे की स्थिति का लगा पता
केयर बीएम नारायण सिंह ने कहा जन्म के बाद तीन तरह से नवजात बच्चों की पहचान होती है । एक तो वह जिसका वजन दो किलो से कम हो दूसरा वह जो ठीक से स्तनपान नहीं कर पा रहा हो और तीसरा वे बच्चे जो प्रीटर्म है। नजबुन्निसा के बच्चे की ट्रैकिंग के दौरान पता चला कि वह ठीक से मां का दूध नहीं पी पा रहा है। जिससे बच्चा दो दिनों में ही काफी कमजोर हो गया था। घर में बच्चे की कोई सुध लेने वाला भी नहीं था। वहीं मां की शारीरिक स्थिति काफी अच्छी नहीं थी। जिसमें नवजात की मां को आयरन की सीरप के साथ आशा का नंबर भी दिया गया ताकि उसे किसी परेशानी में उचित उपचार मिल सके।
स्तनपान और कंगारु केयर की विधि के बारे में मिली जानकारी
नजबुन्निसा कहती हैं मैं बहुत बेचैन थी कि मेरा बच्चा दूध ही नहीं पी रहा। वहीं मेरे पति भी दिन भर घर में नहीं थे। मैं कहती तो किससे। गृह भ्रमण के दौरान नारायण सिंह और आशा दीदी ने स्तनपान के तरीके के साथ कंगारु मदर केयर के बारे में बताया। जिसके तीन दिन के इस्तेमाल में ही मेरा बच्चा ठीक से स्तनपान भी कर रहा है और उसकी सेहत में भी काफी सुधर गयी है। नारायण सिंह ने बताया शिशु को कंगारु मदर केयर से गर्माहट मिलती है। जिससे बच्चे का वजन भी बढ़ेगा। वहीं आशा दीदी ने भी समझाया है कि बच्चे को अभी नहाना नहीं है। नाभि में कुछ नहीं लगाना है। वहीं नवजात को सिर्फ मां का दूध देना है। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मुझे कॉल करना। मेरे एकमात्र सहारे को जीवनदान देकर उन्होंने मेरी जिंदगी में रोशनी भर दी है।