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परिवार से दूर परिवारों के लिए जिंदगी बचा रहे रोहित राज


- 40 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रतिदिन आते थे आइसोलेशन वार्ड 
- पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक से दो बार हो चुके हैं सम्मानित 

प्रिंस कुमार 
मोतिहारी, 06 अप्रैल |
युवा मन। दिल में सेवा का जोश। रोज 40 किलोमीटर की यात्रा। यह अब रोहित राज के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। रोहित राज ढाका में पारा मेडिकल स्टॉफ के रूप में कार्य करते थे, पर 27 मार्च 2020 से वह परिवार वालों से दूर दूसरे के परिवारों के लिए जिंदगियां बचा रहे थे। रोहित के कार्य के इसी जज्बे को देखते हुए जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक इन्हें दो बार कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मानित भी कर चुके हैं। रोहित कहते हैं पहली बार वैश्विक कोरोना महामारी में कार्य करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ। मुझे ड्यूटी के लिए अपने क्षेत्र से 40 किलोमीटर दूर का सफर तय करना होता था । मैंने ड्यूटी के दौरान कभी भी छुट्टियां नहीं ली । उस समय डर तो बहुत लगता था परंतु मरीजों की सेवा करना ही मेरा प्रथम धर्म था । इसके कारण मैंने परवाह किये बगैर लगातार कोरोना वार्ड में काफी सूझ बूझ के साथ सेवा की । 
घर में रखा खुद को अलग
रोहित कहते हैं कोरोना काल में ड्यूटी करने के बाद अपने घर जाने पर अपने को अलग कमरे में रखता था। मास्क , सैनिटाइजर के प्रयोग के साथ रोज ड्यूटी के बाद गर्म पानी से स्नान करते थे । लोगों से मिलना जुलना भी बंद कर दिया था । घर परिवार के लोगों ने लगातार हौसला बढ़ाया। वह कहते हैं मैं साथी सहकर्मियों के सहयोग के कारण ड्यूटी कर पाया । अपनी सूझबूझ के कारण खुद भी सुरक्षित रहा और अपने परिवार समाज के लोगों को भी सुरक्षित रखा । मैंने 11 महीनों तक मरीजों की सेवा की है परंतु कोरोना के अनुरुप व्यवहार करने से मुझे संक्रमण नहीं हुआ। यहां तक कि मेरे घर परिवार का कोई सदस्य भी कोरोना से पॉजिटिव नहीं हुआ ।  
टीकाकरण भी कराया
रोहित कहते हैं टीकाकरण के प्रथम चरण में मैंने कोविड की दोनों डोज ली । टीकाकरण के लिए उन्होंने गांव समाज के लोगों को भी कोरोना का टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित करने का काम किया ताकि वे सभी कोरोना महामारी से बच सकें । साथ ही कोरोना महामारी से बचने के लिए विभिन्न सावधानियां बरतने की सलाह वह सभी को देते हैं । 
1950 मरीजों की सेवा 
कोरोना काल के दौरान रोहित ने कोरोना से डिस्चार्ज लोगों के साथ रेफर मरीजों की भी सेवा की। एंबुलेंस से रेफर मरीजों की एंबुलेंस से उन्हें घर तक पहुंचाने की जिम्मेवारी भी निभाई है। सेवाकाल के दौरान 121 एसएसबी जवानों, विभिन्न थानों की पुलिस एवं आम नागरिकों की सेवा हेतु दिन-रात वार्ड में 1950 मरीजों की सेवा की है । सेवा के दौरान अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का भी भरपूर सहयोग मिला है । सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा रोहित ने पूरे कोविड के दौरान अपनी विशेष सेवा दी है। घर से दूर होने के बावजूद वह पहले अपने काम को प्राथमिकता देता था। ऐसी कर्तव्यनिष्ठा बहुत की कम लोगों में देखने को मिलती है। वर्तमान में रोहित मोतिहारी सदर अस्पताल स्थित कोरोना टीकाकरण केंद्र पर कार्यरत हैं। रोहित ने आम लोगों से अपील की है कि मास्क लगाएं तथा अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण कराएं तभी कोरोना महामारी से बच पाएंगे ।

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