अपराध के खबरें

बिहार की कला संस्कृति के संवाहक बने हैं वरुण कुमार सिंह



पटना से अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट

मिथिला हिन्दी न्यूज :- वरुण कुमार सिंह आज की तारीख में बिहार के कला संस्कृति के क्षितिज पर एक चमकते नक्षत्र कि भांति है। बिहार की लोक संस्कृति के संवर्धन लोक कलाकारों को मंच उपलब्ध कराना बिहार की प्रतिभाएं जो अभाव में कुंठित हो रही हैं उन्हें पुष्पित और पल्लवित करना साथ ही साथ विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी लोक कलाओं लोक गायन लोक नृत्य वह इससे जुड़े कलाकारों की बदहाल स्थिति से निकाल कर उन्हें रोजी रोजगार मुहैया कराने में भी इनका खासा योगदान है नाम है वरुण कुमार सिंह ।ये रहने वाले हैं पटना जिले के शेखपुरा (जिस गांव के मुख्यमंत्री के बी सहाय थे) गांव के बस इतनी सी ही पहचान नहीं बेहद सुलझे मृदुभाषी वरुण वैसे तो राजनीति में सक्रिय है । कला संस्कृति व कलाकारों से इनका खासा लगाव रहा है ।इनके इस प्रतिभा को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश कला संस्कृति प्रकोष्ठ का इन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरुण कुमार सिंह ने बातचीत के क्रम में बताया कि 1989 में मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद मेरा रुझान कला और संस्कृति की तरफ हुआ उसी दौरान भारतीय जनता पार्टी से भी जुड़ा हुआ जब पटना से शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव चुनाव में खड़े थे तो इनके रिश्ते के भाई स्वर्गीय अजय सिंह उनके लिए चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर लगे हुए थे उन्हीं के साथ शुरुआती दिनों में इन्होंने भाजपा के प्रचारक के तौर पर काम करना शुरू किया ।उसके बाद यह भाजपा के एक आम कार्यकर्ता के तौर पर अपनी पढ़ाई लिखाई के साथ ही साथ काम करने लगे वे बताते हैं कि 26 वर्षों से बतौर कार्यकर्ता पार्टी से जुड़े हुए हैं।इस दौरान सुशील कुमार मोदी जी से इनका विशेष लगाव रहा 1990 में इन्हें भाजपा का सेक्टर अध्यक्ष बनाया गया इस दौरान पटना कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई भी कर रहे थे पढ़ाई से ज्यादा रंगमंच राजनीति नुक्कड़ नाटक सामाजिक गतिविधियों में इनका मन लगता था। इनके पिताजी हाई स्कूल में टीचर थे₹200 में साइकिल खरीदी गई थी वह भी सेकंड हैंड बाबूजी जब स्कूल से आते थे साइकिल के बरामदे में लग जाया करती थी तो यह झोला लेकर उसी साइकिल से RSS का प्रचार-प्रसार करने निकल जाया करते थे साइकिल में ब्रेक नही थी फिर भी इनके हौसले की गाड़ी चलते रहती थी भाजपा में एक साधारण कार्यकर्ता से संगठन में कार्य करते हुए कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राज्य प्रभारी के पद तक पहुंचे वरुण कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ही पूरे देश में एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसमें एक आम कार्यकर्ता अपने कार्यकुशलता ईमानदारी और संगठन के प्रति जवाबदेही को पूरा कर शिखर तक जा सकता है अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव को झेल चुके वरुण बताते हैं की एक वक्त वह भी आया जब चुनावी घमासान की कीमत उनके परिवार को उठानी पड़ी उनके छोटे भाई तरुण का मर्डर हो गया उसके पहले इनके रिश्ते के भाई अजय सिंह जिन्होंने इन्हें भाजपा से जोड़ा था उनकी हत्या अपराधियों द्वारा कर दी गई यह दो झटके से यह उबरे भी न थे कि एक साल बाद ही उनके पिता जी गुजर गए पूरी परिवारिक जिम्मेवारी इनके ऊपर आ गई। रोजी रोटी का जुगाड़ भी करना था गांव जवार और रिश्तेदार कहते थे कि मास्टर साहब का लड़का नचनिया बजनिया है आवारा की तरह पार्टी में दौड़ता रहता है जो काम कोई नहीं करता वह सब फालतू का काम करता है केवल नकारात्मक बातें सुनने को मिलती थी लेकिन उन्होंने कभी भी अपने हौसले को कम ना होने दिया आज बिहार भाजपा के युवा तुर्क के नेताओं में बेदाग छवि संगठन पर पकड़ किसी भी मुद्दे पर बेबाक राय रखने वाले वरुण सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों में एक बड़ा चेहरा बन कर उभरे है। उन्होंने लगातार 15 सालों से पार्टी की सांस्कृतिक गतिविधि को संभाल रखी है पार्टी की जितनी भी रैली सांस्कृतिक गतिविधि होती है उसके हमेशा वह प्रमुख रहे हैं पार्टी के लिए नुक्कड़ नाटक तरह तरह का कैसेट जैसे बढ़ता बिहार बनता बिहार, हूमकार उठा बिहार , नमो बिहार ,हर हर मोदी घर घर मोदी ,भारत को बचाना ही होगा मोदी को लाना ही होगा, आदि ऑडियो वीडियो सोंग्स से गांव गांव में भाजपा का प्रचार करवाया जो काफी सफल रहा फतुहा विधानसभा क्षेत्र में विगत 15 वर्षों से उनकी सक्रियता कुछ ज्यादा ही है।स्वरोजगार नशा मुक्ति दहेज विरोधी अभियान सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ यह राज्य भर में सांस्कृतिक आंदोलन भी चला रहे हैं। वरुण कहते हैं ईमानदारी साहस और आपको अपने कार्यों के प्रति निरंतरता एक दिन जरुर सफलता दिला सकती है

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live