बादल राज
सुरसंड ,सीतामढ़ी(मिथिला हिंदी न्यूज)कोई भी व्यक्ति सपने में भी नही सोचा होगा कि उसकी जब मृत्यु हो जाएगी तो गाँव के लोग उनकी अर्थी को उठाने से इनकार कर देंगे। लेकिन वर्तमान परिस्थिति में ऐसा देखने को मिला ।यह सम्पूर्ण घटना सीतामढ़ी के सुरसंड के घटना है जो मानवता को तार-तार कर देती है। यह वाकया प्रखंड के विरख गाँव का हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की रात्रि विरख गाँव में एक की मृत्यु कोरोना के चलते सीतामढ़ी के एक निजी अस्पताल में हो गई।जब उसकी पार्थिव शरीर को गाँव लाया गया तो सारे गाँव वासी अपने परिवार के सुरक्षा को ध्यान में रखकर पार्थिव शरीर के पास जाने से इंकार कर दिए वही उनकी माँ नम्र आखों से गाँव वालों से विनती करने के बाद भी जब कोई सामने अंतिम संस्कार के लिए नही आया तो मृतक के परिजन ने ही खुद गढ्ढे खोदकर लाश को दफना दिया गया वही मृतक ग्रामीणों के अनुसार महाराष्ट्र के किसी शहर में रहकर मजदूरी करता था ।मृतक के पास एक पुत्र तथा एक पुत्री भी है।जो गाँव मे उपनयन के उद्देश्य से आया था लेकिन इसी बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गया ।और इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गए।इधर जब मृतक के ससुर पार्थिव शरीर को दफनाने के बाद अपने गाँव पुपरी क्षेत्र भामा में आये तो अगल बगल के लोग उनको देखकर खिड़की तथा दरवाजा बंद कर घरों में खुद को ग्रामीणों ने कैद कर लिया।