अपराध के खबरें

बांका पहुंचे बिहार सरकार के मंत्री सुमित सिंह ने संतोष सिंह के परिजनों को सौंपा अनुदान राशि

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज बांका। बांका जिले के मोहनपुर में चोरी के झूठे मामले में सुनियोजित साजिश के तरह तहत पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिए गए संतोष कुमार सिंह के परिजनों से मिलने आज बिहार सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह पहुंचे इस अवसर पर उन्होंने मृतक के परिजनों को अनुदान राशि भी प्रदान की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा इस सभ्य समाज में हत्या जैसे जघन्य अपराध के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां एक विभत्स घटना घटी थी।इंसानियत जब दम तोड़ती है, समाज जब संकुचित हो जाता है। उसका ऐसा ही कुछ असर होता है। एक व्यक्ति को पीट-पीट कर सिर्फ इसलिए जान ले लिया कि उस पर चोरी का संदेह था। वह भी महज चना के फसल चोरी के आरोप में इतने जघन्य घटना को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा की मेरा मानना है कि हत्या किसी का भी अक्षम्य है। जिनकी हत्या होती है उससे उनके परिजनों को एक ऐसा न भरने वाला जख्म मिलता है, जो शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक रूप से पीड़ित पक्ष को तोड़ देता है। अपराध का दंड अपराधियों को ससमय मिलने से व्यवस्था पर भरोसा भले जगता है, लेकिन उनकी अंतहीन पीड़ा कोई दूर नहीं कर पाता है। घटना की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विगत दिनों बांका जिला के बाराहाट प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर गांव में गरीब किसान संतोष सिंह जी की चोरी के झूठे आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। मुझे जानकारी मिली उनके चार अबोध बच्चे हैं, एक बेटा और तीन बेटियां। वह अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। उनके परिवार की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने अपना सबसे अमूल्य निधि खो दिया है, उसकी कोई भरपाई नहीं हो सकती। उन बच्चों को पिता का स्नेहछांव कभी नहीं मिल पाएगा, संतोष जी की विधवा का जीवन संघर्ष का साथी सदा के लिए बिछड़ गया। ऐसे अपनों को खोने की असह्य पीड़ा का अंदाजा कोई भी संवेदनशील इंसान लगा सकता है। हम उनकी पीड़ा में उनके साथ हैं। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि बहरहाल, उन्हें अपनी आजीविका की मुश्किलें न झेलनी पड़े, उनकी आर्थिक समस्याओं को दूर करने का भरसक प्रयत्न रहेगा। आज उनके घर जाकर बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2011 के तहत श्रम विभाग की बिहार राज्य श्रम कल्याण समिति की ओर से एक लाख रुपए संतोष जी की विधवा कंचन देवी जी के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का आदेश पत्र सौंपा। कंचन जी की पीड़ा के सामने इस राशि का कोई मोल नहीं है, बिल्कुल तुच्छ है। लेकिन उन्हें अपनी पहाड़ जैसी पीड़ा के अतिरिक्त और कोई परेशानी न हो, उन्हें अपने हक के लिए भटकना न पड़े। इस लिहाज से सरकारी अनुदान उनके घर तक उपलब्ध करवाने का प्रयास किया। उन्हें पारिवारिक लाभ योजना की राशि मिल गयी है। मैं जिला प्रशासन को इस परिवार को आपदा के तहत मृत्यु में चार लाख की राशि प्रदान करने की योजना का लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। संतोष जी का बड़ा बेटा शनि कुमार सात वर्ष का है, बड़ी बेटी नैना कुमारी पांच साल की, दूसरी श्रुति तीन वर्ष की है, सबसे छोटी सुप्रिया महज़ डेढ़ साल की है। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि मैंने पहले भी इस संदर्भ में जिले के आरक्षी अधीक्षक से बात किया था। एक अपराधी की गिरफ्तारी हुई थी। अन्य अपराधियों को हर परिस्थिति में शीघ्र गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल चलाने का निर्देश दिया है। मेरा मानना है कि व्यक्ति कोई भी हो उसे किसी भी इंसान का जान लेने का हक नहीं है। अगर वह ऐसा करता है तो कठोरतम सजा कानूनी प्रक्रिया के तहत तत्काल दिया जाना चाहिए। राज्य सरकार कानून का राज कायम करने के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन कुछ सामाजिक वजह भी है कि घटनाएं हो जाती है। वह है अपराधियों को सामाजिक स्वीकृति। सबसे बड़ी गिरावट यही है कि हर समुदाय में कुछ लोग हैं जो अपराधियों को महिमामंडित करते हैं। इसके कारण उनका मनोबल बढ़ा रहता है। जब उन्हें समाज तिरस्कृत करने लगेगा तब उनका मनोबल गिरेगा। इस दिशा में सोचने की जरूरत है। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि एक और बड़ी बात इस मौके पर दिखा कि सभी वर्ग के साथियों ने निजी तौर पर जो पीड़ित परिवार की मदद की वह मुक्तकंठ प्रशंसनीय है।इस मौके पर बांका जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष नीलम देवी , सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता जितेंद्र भाई, अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार चौधरी , बीडीओ शशिभूषण साहू ,राजा सिंह सहित अन्य गण्यमान लोग उपस्थित थे।

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