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कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग अत्यंत महत्वपूर्ण


-जिले में 1.58 लाख लोगों का हुआ टीकाकरण
-बढ़ते कोरोना को लेकर केयर इंडिया ने शुरू किया कांटेक्ट ट्रेसिंग
-जिले में बनाए गए 22 कंटेंटमेंट जोन
-जिले में पॉजिटिव मरीजों की संख्या 61.

पप्पू कुमार पूर्वे 

कोरोना वायरस से लड़ाई में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सबसे ज्यादा अहम है। जिससे न सिर्फ वायरस से संक्रमित लोगों का पता लगाया जा रहा है, बल्कि ऐसे लोग जो संक्रमित के संपर्क में आये हैं, उनकी खोज भी की जा रही है। जिले में केयर इंडिया की टीम के द्वारा सभी प्रखंडों में संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों की का जांच कर कोविड संक्रमण का पता लगाया जा रहा है। टीम के द्वारा जिले में अब तक 73 लोगों की का ट्रेसिंग की किया गया गई है। वहीं जिले में वर्तमान में 61 मरीज कोरोना से संक्रमित हैं। जिसमें 55 मरीज होम आइसोलेशन तथा 6 मरीज कोविड केयर सेंटर तथा डेडीकेटेड कोविड हेल्थ केयर में उपचाराधीन हैं। जिले में वैक्सीनेशन के तहत अब तक 1.58 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

क्या है कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग:
केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की निगरानी प्रक्रिया को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कहा जाता है। कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने से ये संक्रमण दूसरों को आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने की अधिक खतरा होता है। इसलिए जो लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों पर ध्यान रखना महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी देखभाल की जा सके और जरूरत पड़ने पर जल्दी से उपचार किया जा सके।

कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तीन प्रकार की होती है:

संपर्क की पहचान:
जब किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो बीमारी की शुरुआत के बाद से उसकी गतिविधियों के बारे में पूछकर उसके संपर्क में आए लोगों के बारे में जाना जाता है।

संपर्क सूची:
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को सूचीबद्ध किया जाता है। उन्हें खुद आइसोलेट होने को कहा जाता है और लक्षण आने पर मेडिकल टीम से संपर्क करने को कहा जाता है। संपर्क में आए लोगों को बीमारी की रोकथाम के बारे में भी जानकारी दी जाती है। 

संपर्क में आए व्यक्ति का फॉलोअप: 
संपर्क में आए सभी व्यक्तियों से स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से सपंर्क में बने रहते हैं। उनके लक्षणों पर निगरानी करते हैं कि कहीं उनमें वायरस के लक्षण तो नहीं आ रहे। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कोरोना वायरस को रोकने के लिए बहुत आवश्यक है।

जिले में बनाए गए 22 कंटेंटमेंट जोन:

वर्तमान में जिले में 22 कंटेंमेंटमेंट जोन बनाया गया है जिसमें रहिका 10, पंडौल 1, विस्फी 2, बेनीपट्टी 3, हरलाखी 1, मधेपुर 1, राजनगर 1, अंधराठाढ़ी 1, बाबूबरही 2 कंटेंटमेंट जोन बनाया गया है।

जिले में 1.58 लाख लोगों का हुआ वैक्सिनेशन:

जिले में अब तक 1 लाख 58 हजार 494 लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है जिसमें 15,966 हेल्थ केयर वर्कर को प्रथम डोज,11509 हेल्थ केयर को सेकंड डोज, 8,649 फ्रंटलाइन वर्कर को प्रथम डोज, 3434 फ्रंटलाइन वर्कर को सेकंड डोज, 92,560 लोग जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं को प्रथम डोज, 1839 को सेकंड डोज तथा 45 से 59 वर्ष के 24,077 लोगों को प्रथम डोज, 460 लोगों को सेकंड डोज दिया जा चुका है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग में एसीएमओ डॉ. एसएस झा, रहिका प्रभारी डॉ.आर के महतो, केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी केयर इंडिया के बीएम अमित कुमार विपुल आदि उपसथित थे।

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