आलोक वर्मा
नवादा : कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बच्चे और युवा सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। बच्चों के सेवा के लिए दिन-रात काम करने वाली राष्ट्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के नवादा चाइल्डलाइन परामर्शी आर्यन मोहन का कहना है कि 0-15 साल, विशेष रूप से 6-15 साल के बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस साल जनवरी-फरवरी तक ये मामले 1-2 फीसद तक थे जो अब 4-5 फीसद तक हो चुके हैं।इस समय टेस्ट कराने वाले 20 फीसद बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।कोरोना की इस लहर में तेज बुखार और सांस से जुड़ी दिक्कत ज्यादा देखने को मिल रही है।कोरोना वायरस किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। इसलिए बच्चों में कोरोना वायरस या किसी अन्य तरह का वायरस ना हो इसके लिए सतर्कता की जरूरत है। इसके लिए सावधानी की सख्त जरूरत है। उक्त बातें चाइल्डलाइन के परामर्शी आर्यन मोहन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही। उन्होंने कहा,जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण से बच्चों के प्रति माता-पिता को जागरूक रहना बहुत जरूरी है। बच्चों को बिना जरूरी काम घर से बाहर नहीं भेजें। भीड़-भाड़ से बचकर रहें, खुद भी बचे और बच्चों को भी बचाएं। अनजान लोगों के संपर्क में नहीं आए, एक दूसरे से मिलते समय दो गज की दूरी बनाए रखें, कोरोना से सतर्क रहें, बचाव ही कोरोना का उपचार है।एक बात हमें ध्यान में रखनी चाहिए कि बच्चे में कोरोना वायरस हो या ना हो लेकिन इन परिस्थिति में वह इस बीमारी के बारे में जरूरत से ज्यादा सोच कर डर सकते हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चों में कोरोना वायरस का डर ना बिठाएं। उन्हें इसकी रोकथाम कैसी करनी है, कोरोना संक्रमण की जानकारी बच्चों में हंसते-हंसाते हुए तथा सावधानी रखने की कोशिश माता-पिता स्वयं करें। बच्चों को हाथ धोने की सही तरीका समझाएं। साबुन से या सैनेटाइजर से हाथ धोने की सलाह दें। घर में नवजात शिशु हो तो उसे पालतू पशुओं से दूर ही रखें। बच्चे अपने आप को रचनात्मक कार्य में व्यस्त कर सकते हैं, जैसे कला, चित्र, निबंध या अपने पाठ का रिवीजन कराया जा सकता है। समाचार एवं सामाजिक ज्ञान की तैयारी को एक खेल का स्वरूप दिया जा सकता है।