हालांकि इस दुःखद घटना के दौरान दुल्हन बनी मृतक बडी बहिन के शव को घर के एक ओर घर रखना पड़ा। वहीं दूसरी ओर परिजनों ने छलकते आंसुओं के बीच मृतका की छोटी बहिन के साथ दूल्हा के सात फेरे डलवाकर उसे ससुराल के लिए विदा किया। तदुपरान्त दुल्हन बनी मृतका का अन्तिम संस्कार कराया गया।
क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम समसपुर दुल्हन पक्ष के ताऊ महेश चंद व ग्राम नवाली दूल्हा पक्ष के ताऊ अजब सिंह समेत दुल्हन के दौनों भाइयों गौरव व सौरभ जाटव ने बताया कि बीते मंगलवार को उसकी दुल्हन बहिन सुरभि पुत्री स्वर्गीय रमापति की शादी मंजेश कुमार पुत्र अनिल कुमार ग्राम नवाली चितभवन इटावा के साथ बडी ही धूमधाम से शादी समारोह चल रहा था। बारात के आने पर दुल्हन पक्ष ने बडे ही आदर सत्कार के साथ बारात का आदर सत्कार के साथ खानपान आदि विवाह की रस्में शुरू करा दी गई थीं।
मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे से द्वारचार के साथ शुरू हुई रस्मों में वरमाला, माँग भराई समेत अन्य कई रस्में पूर्ण हो चुकी थीं। सात फेरे(भांवरें) पडने के लिए दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष तैयारी में जुटे थे। इसी बीच रात्रि करीब ढाई बजे दुल्हन बनी सुरभी अचानक बेहोश हो गई। दुल्हन के बेहोश होते ही शादी बाले घर मे हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में परिजनों दुल्हन सुरभी को गांव स्थित एक निजी चिकित्सक के पास लेगये। जहाँ चिकित्सक ने जांच पड़ताल कर दुल्हन सुरभी को ह्रदय गति रूक जाने से मृत घोषित कर दिया।
शादी की खुशी के ऐसे अवसर पर दुल्हन की आकस्मिक मौत से परिवार की खुशियां मातम में बदल गई और चीख पुकार के साथ परिवार में कोहराम मच गया।
शादी समारोह में मौजूद रिश्तेदारों व सगे-सम्बन्धियों,दूल्हा पक्ष के लोगों व माँ जयदेवी उर्फ गुड्डी देवी की आपसी सहमति पर घर में मृत बहिन सुरभी का शव रखे होने के साथ मृतका की छोटी बहिन निशा को दुल्हन बनना पड़ा और दूल्हा के साथ शेष बची शादी की रश्मों को पूर्ण कर निशा ने सात फेरे लेकर परिजनों के दुख पर मरहम लगाने का प्रयास किया। परिजनों ने निशा व दूल्हा मंजेश के सात फेरे पूरे कराकर बुधवार की सुबह ससुराल के लिए विदा दिया। इसके बाद परिवारीजनों ने दुल्हन बनी मृत बहिन सुरभी के शव का अन्तिम संस्कार कर दिया। ह्रदय को झकझोर देने वाली ऐसी दुखद घटना से परिवारीजनों के साथ-साथ पूरा गांव शोक में डूब गया।