संवाद
कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच एक और बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है. बिहार में भी ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) ने दस्तक दे दी है. बुधवार को ब्लैक फंगस से संक्रमित 5 मरीजों का एम्स पटना और आइजीआइएमएस में इलाज किया गया.पटना एम्स के कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि इस बीमारी से संक्रमित 2 मरीज भर्ती हैं, जबकि 2 लोगों को ओपीडी में देखा गया है. वहीं, आइजीआइएमएस में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस मिला है. वह मुजफ्फरपुर की रहने वाली है.
अहमदाबाद में ब्लैक फंगस के 86 नए केस सामने आए हैं जबकि 200 का इलाज चल रहा है. इसके अलावा हरियाणा में भी ब्लैक फंगस के 2 नए मरीज आए हैं. वहीं मेरठ, कानपुर और वाराणसी के बाद अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भी एक केस सामने आए है. वहीं छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र के ठाणे जिला में म्यूकोरमायकोसिस के संक्रमण से 2 लोगों की मौत हो गई. ठाणे में 6 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है.
एक्सपर्टस के अनुसार, ब्लैक फंगस कोई नयी बीमारी नहीं है. दरअसल फंगस आमतौर पर स्पोर्स के रूप में वातावरण में पाया जाता है. ये कोरोना वायरस जैसा कोई नया जैविक खतरा नहीं है, जो अभी-अभी आया है. हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ऐसे कीटाणुओं से लड़ने में सक्षम होता है, पर जब यह कमजोर होता है, तो ऐसे कीटाणु गंभीर रूप लेते हैं. कोविड से पहले भी ब्लैक फंगस थोड़ी मात्रा में वैसे मरीजों में मिलता रहा है, जो एचआइवी, कैंसर या दूसरे बीमारी से संक्रमित होते हैं या जिनकी डायबिटीज अनकंट्रोल्ड रही या लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहे हैं.
कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए अब ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस खतरा बनता जा रहा है.
ब्लैक फंगस होने के लक्षण
• म्यूकॉर सबसे पहले नाक और पैरानशल सायनस को प्रभावित करता है. इसमें आपको नाक बहने, नाक भरा रहने, नाक बंद होने, नाक से सांस लेने की तकलीफ होने लगती है.
• नाक से खून या काला तरल पदार्थ भी निकलता है. नाक के आस-पास काले धब्बे भी हो सकते हैं.
• चेहरे और नाक के आस-पास और सिर में दर्द रहता है. चेहरे के एक साइड में सूजन की शिकायत हो सकती है.
• आंखों में सूजन और दर्द भी हो सकता है. पलकों का गिरना, धुंधला दिखना, और आखिर में रोशनी चले जाना.