भगवान् विष्णु के छठे अवतार परम प्रतापी भगवान परशुराम किसी जाति या समाज के विरोधी नहीं थे। भगवान् परशुराम निरंकुश और अताताई पर्वतीय राजा जो प्रजा पर अत्याचार करते थे सिर्फ उसका ही वध कर स्वयं शाषण नहीं कर योग्य लोगो को राजा बनाते थे। उक्त बाते समाजवादी विचार मंच के अध्यक्ष रीतेश कुमार गुड्डू ने भगवान् परशुराम की जयंती के अवसर पर कहा। रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि एक धारणा कि भगवान् परशुराम क्षत्रिय विरोधी थे बिल्कुल गलत है।वेद पुराणों रामायण महाभारत में स्पष्ट वर्णित है कि भगवान परशुराम के शिष्य क्षत्रिय ही होते थे।अगर भगवान् परशुराम क्षत्रिय विरोधी होते तो क्षत्रियों को अपना शिष्य नहीं बनाते।रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म ही समाज से निरंकुश और धर्म विरोधी लोगो का नाश करने के लिए हुआ है। भगवान् परशुराम से हमें शस्त्र और शास्त्र दोनों विधा में समाज और देश की रक्षा के लिए पारंगत होने की प्रेरणा मिलती है। भगवान् परशुराम जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण महासभा सीतामढ़ी के अध्यक्ष सुधीर कुमार द्विवेदी ने वर्चुअल माध्यम से अध्यक्षता करते हुए कहा कि समाज के युवा वर्ग को भगवान् परशुराम के बताए मार्ग पर चलकर भयमुक्त समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाने की जरूरत है।इस वर्चुअल संवाद में सर्वश्री नवल किशोर झा, संतोष कुमार झा, राम मनोहर झा, रोहित कुमार मिश्रा, राजेश कुमार झा, विजय कुमार गिरी,शंकर गिरी,रत्नेश्वर मिश्रा, प्रभात कुमार मिश्रा ने भी अपना विचार व्यक्त किया।