मिथिला हिन्दी न्यूज :- सिवान में संदीप नाम का एक नौजवान है जो इस कोरोना काल में पीड़ित लोगों की सेवा कर रहा है। यह वही सिवान है जहां के एक न्याय के बड़े ओहदे दार साहब ने अपने पिता की कोरोना से मौत होने के बाद उनके शव को लेने से इसलिए इनकार कर दिया कि उनके पूरे घर के लोगों को कोरोना हो जाता उसी सिवान में संदीप जैसे लोग हैं जो एक छोटी सी दुकान तो चलाते हैं पर हौसला बहुत बड़ा है।ई है सिवान के संदीप ई कोई बहुत बड़ी हस्ती नहीं है सिवान में स्टेशन के सामने एक फ्लेक्स के दुकान पर डिजाइनर के रूप में नौकरी करते थे जब इनसे मेरी मुलाकात हुई थी।बाद में अपनी दुकान खोलकर फोटो डिजाइन करते हैं। कोरोना काल में यह जो काम कर रहे हैं उसकी चर्चा जरूरी है यह बिना किसी साधन संसाधन के सिवान में लोगों के लिए मसीहा के रूप में खड़े हैं लोगों को खाना दे रहे हैं साथ ही लोगों को दवाई भी दे रहे है लोगों को उनके घरों तक पहुंचा भी रहे हैं।पीड़ित मानवता की सेवा कर रहे हैं।ये हौसला सोसाइटी हेल्पर ग्रुप के माध्यम से लोगों को नई जिंदगी दे रहे है। उनके साथ बहुत सारे नौजवान हैं जो थोड़ा-थोड़ा बचत कर लोगों को जिंदगी दे रहे हैं समाज को एक नया दिशा दे रहे हैं इन से कुछ सीखने का जरूरत है यह मदद करना इनके लिए नया नहीं है यह पूर्व से ही ठण्ढ के दिन में गरीब लोगों को कंबल बांटना यहां तक की सिवान में कोई व्यक्ति असहाय है गरीब है इनको जानकारी लगता है तो हॉस्पिटल के सारे खर्चा से लेकर दवा तक का व्यवस्था अपने पॉकेट मनी से यह लोग करते हैं। संदीप जैसे लोगों की पड़ताल इसलिए भी जरूरी है कि ऐसे समय में जब लोग अपने से अपने परिजनों को भी देखने को तैयार नहीं है मौत हर किसी के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी है ऐसे में संदीप जैसे लोग भगवान तो नहीं पर भगवान से कम भी नहीं है।