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चमकी बुखार से बचाव के लिए मधुबन प्रखंड में चौपाल का आयोजन

- चौपाल लगाकर फैलाई जा रही है जागरूकता 

- केयर के सहयोग से चमकी पर चौपाल 


प्रिंस कुमार 

पूर्वी चम्पारण जिले के मधुबन प्रखण्ड में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण व बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं औऱ केयर कर्मियों के सहयोग से चमकी बुखार से लड़ने के लिए चौपाल का आयोजन शुरू कर दिया गया है । केयर के ब्लॉक मैनेजर राहुल कुमार ने बताया मधुबन क्षेत्र के प्रखंड अन्तर्गत पंचायत- बंजरिया, ग्राम- बारा मंगरु में चमकी बुखार से जागरूकता के लिए चौपाल का आयोजन किया गया । जिसमें केयर इंडिया टीम से प्रखंड प्रबंधक राहुल रंजन ने बताया कि चमकी बुखार से 6 माह की उम्र से 15 वर्ष तक के बच्चे प्रभावित होते हैं । चमकी से बचने के बच्चों को धूप से बचायें । साफ सफाई अपनाए। बच्चों को संतुलित आहार दे । रात में खाली पेट न सोने दें । उन्होंने बताया चमकी बुखार से बचने के लिए प्रखंडों में पूर्व से ही जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
 आंगनबाड़ी-केन्द, मुशहर टोली में भी पूर्व में चौपाल का आयोजन कर ग्रामीणों को चमकी बुखार से बचाव एवं उपचार के बारे में बातें बताई गई हैं। जिसमे बच्चों को कम से कम रात को मीठा खिलाने और ओ आर एस का घोल देने, संतुलित आहार देने के बारे में बताया गया। अगर बच्चे को बुखार या कोई भी दिक्कत होते ही तुरंत सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी गयी। चौपाल में चमकी बुखार के लक्षण की पहचान, बचाव और सावधानी के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया ।

जागरूकता है जरूरी :

प्रखण्ड के प्रभारी चिकित्सक डॉ तारिक इब्राहिम ने बताया मस्तिष्क ज्वर एक भयानक महामारी के रूप में मुजफ्फरपुर, एवं पूर्वी चंपारण में साल के अप्रैल माह से जुलाई तक फैलता है । 95% केस इसी समय मिलते हैं। इस रोग से 6 माह की उम्र से 15 वर्ष तक के बच्चे प्रभावित होते हैं । चमकी से बचने के लिए बच्चों को धूप से बचायें । साफ सफाई अपनाए । बच्चों को संतुलित आहार दे । रात में खाली पेट न सोने दें ।
मधुबन के के चिकित्सा प्रभारी डॉ तारिक इब्राहिम ने कहा एईएस/जेई प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को चमकी बुखार के बारे में सावधानी बरतने के उपाय बताने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियो के साथ, आशा, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काफ़ी सहयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया चमकी में बहुत तेज बुखार आता है ।
30 मिनट में अगर बच्चे का इलाज शुरू नहीं किया गया तो उसे बचाना भी मुश्किल हो जाता है । ज्यादा देर होने पर बच्चे के दिमाग में मस्तिष्क ज्वार फैलता है जिससे दिमागी और शारीरिक पैरालाइसिस का भी अटैक हो सकता है । जिससे उनकी मृत्यु तक हो सकती है । इस बीमारी में मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा होता है ।

पूर्वी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा - अगर किसी भी मरीज के परिजन गाड़ी को प्राइवेट भाड़े कर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो उनके भाड़े की राशि उन्हें तुरंत मुहैया कराई जाए । मरीज के रहने खाने एवं ठहरने के लिए सरकारी अस्पताल द्वारा प्रबंध किए जाएं ।
 मौके पर केयर इंडिया टीम से प्रखंड प्रबंधक राहुल रंजन, शोभा कुमारी,आई सी टी के कुणाल कुमार, विकास मित्र, आशा एवं सेविका उपस्थित थे ।

 चमकी से बचाव के उपाय:

- बच्चे को रात में बिना खाना खाए ना सोने दें।
- सोने से पहले रात के भोजन में मीठा वस्तु जरूर खिलाएं ।
- रात में तीन चार बार उसके शरीर की जांच करें कि बच्चा बेहोश तो नहीं 
 -ज्यादा बुखार होने पर उसे दवाई देते रहें एवं पट्टियां लगाते रहे ।
- सुबह उठकर भी माता-पिता अपने बच्चे को जगा कर उसकी स्थिति पर ध्यान दें।

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