मिथिला हिन्दी न्यूज :- बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट आईटी पेशेवरों के लिए चिंता बढ़ा सकती है। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऑटोमेशन की वजह से भारतीय आईटी कंपनियां साल 2022 तक बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने की तैयारी कर रही हैं। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऑटोमेशन में तेजी के साथ, स्थानीय सॉफ्टवेयर कंपनियां, जो 16 मिलियन लोगों को रोजगार देती हैं, वर्ष 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक छंटनी में टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट शामिल हैं। बैंक ऑफ अमेरिका ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इन आईटी कंपनियों को 100 100 अरब की बचत होगी, जिसका अधिकांश हिस्सा वे अपने कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करेंगे। नैसकॉम के अनुसार, भारत का घरेलू आईटी क्षेत्र लगभग 16 मिलियन लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से 9 मिलियन कम कुशल सेवाओं और बीपीओ में काम करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन 90 लाख लोगों में से 30 फीसदी यानी 30 लाख लोगों की नौकरी मुख्य रूप से रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन की वजह से चली जाएगी. इसका अनुमान है कि रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन 7 लाख कर्मचारियों की जगह लेगा और शेष नौकरियों की भरपाई स्थानीय आईटी कंपनियों द्वारा अन्य तकनीकी नवाचारों में वृद्धि से की जाएगी। दक्षिण कोरिया के अलावा, ब्राजील, थाईलैंड, मलेशिया और रूस जैसे देशों में कुशल श्रमिकों की कमी हो सकती है, जबकि दक्षिण अफ्रीका, ग्रीस, इंडोनेशिया और फिलीपींस में अगले 15 वर्षों के लिए कुशल श्रमिकों की कमी होगी।