शाहपुर पटोरी । मोहनपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय बिनगमा एवं बीआरसी गेट के ठीक सामने बसी दलित बस्ती पर कभी भी अनहोनी हो सकती है । दो दर्जन से अधिक परिवार झोपड़ी में गुजारा करते हैं । अधिकांश घर सड़क के बिल्कुल पास बसे हुए है। आधे दर्जन घर तो एकदम सड़क से बिल्कुल सटी हुई हैं। मोहिउद्दीननगर-महनार मुख्य पथ पर दिनभर वाहनों का आवागमन पतली सड़क के एक किनारे पसरी दलितों की झोपड़ियों को बचाने में वाहन चालक सावधानी नहीं बरतें तो दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। दिनभर आशंका बनी रहती है। दलितों के बच्चे सड़क पर ही खेलते रहते हैं और बुजूर्गों की खाटे पसरी रहती है। सड़क के दक्षिणी ओर बीआरसी अवस्थित है। जिनसे वाहन चालकों को कठिनाई होती हैं दिन में कई बार जाम की स्थिति बनी रहती है। उल्लेखनीय है कि इस दलित बस्ती के अधिकांश परिवारों के पास निजी जमीन नहीं है। इन परिवारों में से अधिकांश को इंदिरा आवास और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी। कुछ परिवारों को इंदिरा आवास मिला ही नहीं। कुछ परिवारों को इंदिरा आवास मिला भी तो उपयुक्त जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण इंदिरा आवास नहीं बना सके। इस बस्ती में रहने वाले प्रायः सभी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है। इनके घरों के सामने विद्यालय है। पर इनके बच्चों का विद्यालय से कोई मतलब ही नहीं। बस्ती के सामने वाली विद्यालय में चतुर्थ से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। बाल वर्ग संचालन करने वाले विद्यालय इनकी पहुंच से दूर है। मध्य विद्यालय, बिनगामा में पिछले दस वर्षों से बाल वर्ग का संचालन नहीं हो रहा है। सड़क से सटे घरों एवं सड़क किनारे बधे पालतू पशुओं को लेकर हमेशा डर बना रहता है।