मिथिला हिन्दी न्यूज :- मसरख के पूर्व दिवंगत विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी के जख्मों पर ना सरकार ने मरहम लगाया ना अपने लोगों ने समय के साथ जख्म और नासूर बनते चले गए 1995 में मसरख से चुनाव जीते अशोक सिंह की पटना में बम मार कर हत्या कर दी गई थी वह भी विधायक बनने के 90 दिनों के बाद विधायक पति की हत्या के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ढेर सारी घोषणाएं कर दी पर यह घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हुई समय और हालात के साथ अपने जख्मों को जिंदा रखा चांदनी देवी ने। शहादत की सियासत पर कई लोगों ने अपनी रोटियां तो सेंक ली पर चांदनी देवी और उनके दोनों पुत्रों की सुध किसी ने नहीं ली। 1995 में ही विधायक रहते दिवंगत हुए ब्रृज बिहारी प्रसाद और अजीत सरकार के परिजनों को सरकार ने सभी सरकारी सुविधाएं दे दी पर अशोक सिंह के पत्नी को कुछ नहीं मिला महज 3 महीने के लिए विधायक थे इस कारण से जो पेंशन भी लागू हुआ वह अल्प रहा पटना में सरकारी जमीन सरकारी खर्चे पर बच्चों को पढ़ाने तथा पत्नी को उचित मान-सम्मान देने की जो घोषणा की गई थी वह भी हवा हवाई ही साबित हुई। चांदनी देवी कहती हैं कि पति की हत्या के बाद उपजे सहानुभूति को दूसरे लोगों ने भंजा लिया। अपनी लड़ाई कई मोर्चे पर अकेले लड़ती रही किसी ने ना साथ दिया ना सहारा दिया उल्टे पैर खींचने के लिए अपने ही लोग तैयार बैठे थे। 26 वर्षों से अपने दर्द को अपने आंचल की गांठ में बांधकर रखा है चांदनी देवी ने अपने बच्चों को इन सारी चीजों से दूर रखा है बच्चे समझदार हैं अब बड़े हो गए हैं परिपक्व भी हो गए हैं पर राजनीति में आने की उनकी कोई रुचि नहीं। चांदनी देवी कहती हैं कि राजनीति इससे बुरी क्या हो सकती है उन्होंने अपना पति खोया अपना सब कुछ खो दिया बदले में जो पास था वह भी नहीं रहा। उन्होंने अपनी लड़ाई हर एक मोर्चे पर खुद से लड़ा है।