मिथिला हिन्दी न्यूज :- पटना। अगर आप ना भी मोटी डोनेशन देकर पटना या बिहार के किसी नामी गिरामी विद्यालय में अपने बच्चे का एडमिशन कराया है तथा ऑनलाइन क्लास के नाम पर पूरी फी विद्यालय प्रबंधन द्वारा वसूला जा रहा है आपको मानसिक रूप से तंग किया जा रहा है तो आप भी संगठित हो जाइए आप ही के जैसे एक अभिभावक समाज सेवी रजनीकांत पाठक ने इसी मुद्दे को लेकर पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसे न्यायालय ने सुकृति प्रदान की है । समाजसेवी रजनीकांत पाठक कहते हैं कि मोबाइल का डाटा अभिभावकों का लगता है प्रतिकूल प्रभाव बच्चो पर पड़ता है ना स्कूल की बिल्डिंग भवन प्ले ग्राउंड अन्य सुविधाओं का उपभोग बच्चे कर रहे हैं तो फिर पूरी फी किस आधार पर ली जा रही है। करोना के कारण बहुत सारे अभिभावकों की मौत हो गई है 50 फिसदी से ज्यादा लोगों के रोजी रोजगार बंद हो गए हैं ऐसे में विद्यालय उन्हें और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है जो व्यक्ति अपने गाढ़े पसीने की कमाई एक बार डोनेशन के रूप में दे चुका है विद्यालय प्रबंधन को चाहिए कि बीच का रास्ता निकाले।पटना हाइकोर्ट ने स्कूल फीस मामले में लोकहित याचिका दायर करने की स्वीकृति प्रदान कर दिया है।
बिहार के निजी बड़े विद्यालयों में,लॉक डाउन अवधि में मनमाने ढंग से वसूले जा रहे फीस के खिलाफ़ हाइकोर्ट ने लोकहित याचिका की स्वीकृति दी।विदित हो कि पिछले 16 माह से स्कूल बंद है लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा पिछले 16 माह से बच्चो के अभिभावक से पूरी फीस वसूली जा रही थी।मध्यम वर्ग परिवार आर्थिक रूप से कमजोड हो चुका है।इस स्थिति में एक तरफ घर चलाना मुश्किल हो रहा है तो वही दूसरी तरफ पटना सहित राज्य के शेष जिलों से भी बड़े निजी विद्यालयों द्वारा स्कूल फीस के नाम पर पूर्व की भांति पूरी फीस वसूल किया जा रहा है।पिछले दिनों सामाजिक कार्यकर्ता रजनीकांत पाठक ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार,शिक्षा मंत्री श्री विजय चौधरी और जिला पदाधिकारी को पत्र लिख कर इस समस्या के हल हेतु पहल करने की मांग रखी।आज पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता सरोज कुमार शर्मा ने सूचना दिया कि माननीय पटना उच्च न्यायालय ने प्राथमिकता के आधार पर लोकहित याचिका दायर करने के लिये स्वीकृति प्रदान कर दिया है।विदित हो कि मुख्य याचिका कर्ता रजनीकांत पाठक,भूमिपाल राय,आदित्य मोहन,रजत पांडेय है।