अक्टूबर 2020 से सरसों के तेल के दाम बढ़ना शुरु हो गए थे. आज देशभर में सरसों का तेल 190 से 220 रुपये किलो तब बिक रहा है.
मिथिला हिन्दी न्यूज :- देश में सरसों के तेल, पाम ऑयल, सोया ऑयल आदि के दाम 190 से 220 रुपये लीटर के करीब पहुंच चुके हैं. ऐसे में ये चिंता जायज है कि आखिर तेल की कीमतों में कमी कब तक आएगी? जनकारी के अनुसार राहत देने के लिए टैक्स घटाने की तैयारी हो रही है. दुनिया में भारत वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक है. आयात कर को घटाने से मंडियों में तेलों की कीमतें कम होंगी और खपत बढ़ेगा। भारतीय बाजार अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम समय के लिए होने वाली गतिविधियों का असर यहां पर काफी पड़ता है. तेल के साथ भी ऐसा ही हुआ है.मलेशिया से आयात होने वाली सोया ऑयल ,पाम ऑयल, सनफ्लावर ऑयल के आयात को सहारा मिलेगा और घरेलू सरसों, सोयाबीन और मुंगफली तेल के दाम भी घटेंगे. मिडिया संस्थाओं से खबर मिली है इसी महीने कोई निर्णय लिया जा सकता है। जाहिर है कि महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों पर खाने के तेल के बढ़े हुए दाम बोझ बढ़ा रहे हैं. किचन का बजट काफी बिगड़ गया है. ऐसे में ये चिंता जायज है कि आखिर तेल की कीमतों में कमी कब तक आएगी? मंडियों में तिलहन एमएसपी के ऊपर बिक रही है. इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है।