मैं जेडीयू, बीजेपी से मिलकर चुनाव लड़ता तो मुझे सिद्दांतों से समझौता करना पड़ता और नीतीश कुमार के समाने नतमस्तक होना पड़ता. ना मैं झुका और ना समझौता किया
मिथिला हिन्दी न्यूज :- लोक जनशक्ति पार्टी में मचे घमासान के बीच चिराग पासवान ने बुधवार को दिल्ली में एक मिडिया को संबोधित किया. इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि लड़ाई लंबी होगी. मेरी पार्टी को तोड़ने का प्रयास हमेशा किया गया। कुछ वक्त से मेरी तबियत ठीक नहीं चल रही थी. जो समय वो मेरे लिये भी कठिन हो रहा था. आपलोगों ने देखा होगा कैसे 8 अक्टूबर को मेरे पिता जी का निधन हुआ. उसके बात तुरंत चुनाव मे उतरने का निर्णय हुआ, मेरे लिये बहुत कठिन समय था. वो एक महीना 35 दिन का समय, वैसे सोचने का समय ही नहीं मिल पाया. चुनाव मे एलजीपी को बड़ी जीत मिली. 6 प्रतिशत यानी 25 लाख वोट एलजेपी को मिला और जनता का बड़ा समर्थन मिला. हमने सिद्धांतो से समझौता नहीं किया."
उन्होंने कहा, "मैंने अंत तक प्रयास किया कि पार्टी और परिवार को साथ रह सकूं. मैं परिवार की बातें सार्वजनिक करना पसंद नहीं करता. मुझसे मेरे चाचा कहते तो मैं खुद उन्हें पद दे देता. लेकिन मेरे साथ चाचा ने धोखा दिया है। भविष्य में कानूनी लड़ाई लड़ सकता हूं. मैं अपनी पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ मजबूती के साथ लड़ाई लड़ूंगा. पापा ने बड़ी मेहनत से पार्टी बनाई थी."
चिराग पासवान ने कहा, "कुछ मुद्दों को लेकर हम एनडीए गठबंधन के साथ बिहार मे आगे नहीं बढ़ सके. जब पापा थे तो कुछ लोगों के द्वारा एलजेपी को तोड़ने का प्रयास हुआ. कुछ भी कर ले ना मैं झुका और ना समझौता करुँगा ।