संवाद
आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला धब्बा की तरह है, जब तात्कालीन भ्रष्ट,तानाशाही कांग्रेस की इंदरा गांधी की सरकार ने विपक्ष के सभी महत्वूर्ण नेताओं सहित एक लाख दस हजार सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओ जेल में बंद कर देश में आपातकाल लागू कर दिया था। उक्त बाते समाजवादी विचार मंच के अध्यक्ष रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा।उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के चारो स्तम्भ, कार्यपालिका, विधायिका,न्यायपालिका, मीडिया की आवाज को बंद कर दिया गया था।आपातकाल में इंदिरा गांधी ने संविधान को ताक पर रखकर आम जनता के भावनाओ के खिलाफ फैसला लेती थी। रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा का नारा देने वाले देवकांत बरूआ को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया, और इंदु जी इंदु जी क्या हुआ आपको, बेटे को तार दिया बोर दिया बाप को, कविता गाने वाले जनकवि बाबा नागर्जुन को जेल में डाल दिया गया। रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश के उदय के बाद विश्व में एक शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाली प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में जनता की आवाज को दबाने के लिए जो आपातकाल लागू की उसे भारत की आने वाली काई पीढ़ी भूल नहीं सकती।आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस सहित इंदिरा गांधी की हार भविष्य की सरकारों के लिए चेतावनी भी है कि सत्ता और अपार जनसमूह का समर्थन संविधान की रक्षा के लिए है न कि संविधान के मूल भावना को आहत करने के लिए है।