कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से बिहार में पंचायत को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के केबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मौजूदा परिस्थिति को देखते ग्राम पंचायत चलाने को लेकर परामर्श समिति का गठन किया जाएगा वहीं ग्राम की सरकार चलायेगी। इसके बाद पंचायत के प्रतिनिधियों का तगड़ा झटका लगा है। पंचायती राज अधिनियम के तहत 2006 में जो संशोधन का फैसला
अधिनियम की धारा 14, 39, 66, 92, में संशोधन
राज्य सरकार चुनाव नहीं होने पर बीच का रास्ता निकाला जा सकता है जो की परामर्श समिति गठन कर के सारा अधिकार दिया जा सके। पंचायती राज मंत्री ने बताया संविधान के नियमों के अनुसार पांच साल से अधिक बिना निर्वाचित हुए पंचायत के प्रतिनिधि नहीं रह सकते हैं। इसलिए कैबिनेट परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।आपको बता दें कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्यपाल को भेजा दिया जाएगा। परामर्शी समिति का ढांचा क्या होगा। वैसे बता पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून तक है।