मिथिला हिन्दी न्यूज :- लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार में गर्मी से तो राहत मिल गई और खेतीबारी का काम भी शुरू हो गया है.लेकिन उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मुजफ्फरपुर के तीन प्रखंडों में गंडक तबाही मचा रही है. साहेबगंज व पारू के दियारा इलाके में करीब दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. दोनों प्रखंडों के करीब छह सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. सरैया के कई गांव आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में हैं. दूसरी ओर बागमती और बूढ़ी गंडक में भी तेजी से जलवृद्धि हो रही है. औराई, कटरा व गायघाट में बागमती का पानी तेजी से बढ़ रहा है. बूढ़ी गंडक में वृद्धि से मोतीपुर, कांटी, मीनापुर, मुशहरी व शहरी इलाकों में दहशत का माहौल है.
गंडक से प्रभावित क्षेत्रों का डीएम ने दौरा कर राहत व बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया है.पूर्वी चंपारण जिले में गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं.सुगौली थाना कार्यालय में शुक्रवार को बाढ़ का पानी घुस गया. आनन-फानन में थाने को स्कूल में शिफ्ट किया गया. गंडक नदी के जलस्तर वृद्धि से संग्रामपुर-हाजीपुर मुख्य पथ पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. इजरा मोरी गांव से लेकर करीब एक किलोमीटर तक पानी का बहाव तेज है. तेतरिया प्रखंड के सिरौली डायवर्सन पर बागमती नदी का पानी चढ़ने से आवागमन बाधित हो गया है. सुगौली के बिशुनपुर्वा गांव जाने वाली सड़क पर तीन फुट बाढ़ का पानी चढ़ गया है. डुमरिया घाट रिंग बांध के किनारे बसे कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. अरेराज व बंजरिया के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
पश्चिम चंपारण जिले में सिकरहना नदी का तांडव जारी है. शुक्रवार को दो दर्जन नए गांव में इस नदी का पानी घुस गया जबकि छह प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया. लौरिया, रामनगर, नरकटियागंज, सिकटा, मैनाटांड़ व गौनाहा प्रखंड में जन जीवन काफी प्रभावित है. बेतिया-नरकटियागंज, बेतिया-सिकटा पथ पर दो दिनों से बाढ़ का पानी बह रहा है. लौरिया-रामनगर व लौरिया नरकटियागंज पथ पर करीब चार फीट पानी बह रहा है. जयनगर में कमला नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही .सीतामढ़ी से गुजरने वाली बागमती व अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में उतर चढ़ाव जारी है.