मिथिला हिन्दी न्यूज :- अंडे के साथ-साथ चिकन के मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मार्च-अप्रैल में 140 रुपये किलो बिकने वाला चिकन जून में 280 से 300 रुपये किलो तक पहुंच गया। यह हाल तब है जब अधिकांश होटल एवं रेस्टोरेंट बंद हैं। उत्पादन कम और मांग ज्यादा होने की वजह से चिकन का दाम कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। पोल्ट्री फार्म से जुड़े लोगों का कहना है कि उत्पादन कम होने के लिए कोरोना जिम्मेदार है। पिछले साल हुए नुकसान की वजह से बहुत से कारोबारियों ने अपना फार्म बंद कर दिया है। मांग के अनुरूप उत्पाद नहीं हो रहा है।अगर इस साल होलसेल में एवरेज 100 अंडे के रेट की बात करें तो जनवरी में 506.77 और फरवरी में 440 रुपये तक रहा था. यह रेट मुजफ्फरपुर मंडी के है. बिहार के कई शहरों में मुजफ्फरपुर से अंडा सप्लाई होता है. लेकिन अगर जून की बात करें तो रेट 535 रुपये तक पहुंच गए हैं.
दरभंगा की बात करें तो जनवरी-फरवरी में 450 से 470 रुपये के 100 तक अंडे बिके थे. वहीं जून में 560 रुपये बिक रहे हैं. मधुबनी में 555 रुपये बिक रहे हैं. सीतामढ़ी में 492 रुपये, समस्तीपुर में 504 रुपये, को पटना में 540 रुपये, भागलपुर में 565 रुपये के होलसेल में 100 अंडे बिक रहे हैं. आपको बता दें कि लॉकडाउन और बर्ड फ्लू के कारण पोल्ट्री फर्म का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इससे चिकन से लेकर अंडों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब होटल, रेस्टोरेंट और बैंकेट हॉल खुलने वाले हैं। एक तिहाई मांग अंडे, चिकन और दूध की होटल, रेस्टोरेंट से आती है। ऐसे में मांग बढ़नी तय है लेकिन आपूर्ति उस अनुपात में बढ़ने की संभावना नहीं है। इसका असर अंडे और चिकन के भाव पर होना तय है। अभी से ही अंडे-चिकन के दाम में इजाफा शुरू हो गया है।