मिथिला हिन्दी न्यूज :- याद है कि भुला गए सुशांत सिंह राजपूत को पिछले साल उन्होंने आत्महत्या कर ली थी ऐसा महाराष्ट्र पुलिस कहती है पर हत्या हुई यह साक्ष्य कहते हैं बिहार के थे बिहार में चुनाव होना था इसलिए मामला काफी हाईटेक हो गया सोशल मीडिया की ताकत को लोगों ने समझा मामला सीबीआई तक पहुंच गया राजनीतिकरण भी हुआ मराठी बिहारी भी जमकर हुआ। देखते-देखते एक साल बीत गया पर अभी तक उस मामले में क्या कुछ हुआ किसी को पता नहीं । ऐसे इस देश में सीबीआई कई मामलों की जांच कर रही है और वह जांच कब समाप्त होगी किसी को नहीं पता उसी तरह सुशांत सिंह राजपूत हत्या के मामले को लेकर भी अब धीरे-धीरे फाइलें धूल गर्द में दबने लगी है प्रथम पुण्यतिथि है इसलिए हम भी इस पोस्ट के माध्यम से उन्हें याद कर रहे हैं नहीं तो हम आप भी भूल ही गए थे वह तमाम लोग भी भूल गए होंगे जिन्होंने पिछले साल पटना के राजीव नगर उनके आवास पर जाकर मातम पुरसी की थी लंबी चौड़ी बातें की थी फोटो खिंचवाई थी सोशल मीडिया पर डाला था बिहारी अस्मिता की कसमें खाई थी और न जाने कितने सारे सवाल उठा दिए थे और वह लोग भी फिर नजर नहीं आए क्योंकि अब मामला मीडिया के लिए हाईटेक नहीं रहा। खैर हम ठेठ बिहारी है इसलिए जब तक बिहार के सपूत को न्याय नहीं मिलता किसी ना किसी बहाने याद करते रहेंगे।