मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना राजनीतिक पिता बताकर मनजीत सिंह ने नया दांव खेला है लेकिन वह अपने जाल में खुद फंसते नजर आ रहे हैं एक हफ्ता पहले वे राजद के खेमे में गए थे और उस समय उनके राजनीतिक गुरु राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव नजर आ रहे थे लेकिन खेल ऐसा हुआ कि फिर वापस हो गए और इसका फायदा बैकुंठपुर के पूर्व भाजपा विधायक और वर्तमान में बिहार प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी को मिलता नजर आ रहा है जो मनजीत सिंह के कारण ही इस बार जीती हुई बाजी राजद के हाथों हार गए श्री तिवारी शुरू से आरोप लगा रहे हैं कि जानबूझकर वहां पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया और उन्हें साजिश के तहत हराया गया गठबंधन धर्म मे यह सीट भाजपा के खाते में गई ऐसे में जदयू को वहां उनका सपोर्ट करना चाहिए थि पर जदयू ने वहां पर मनजीत सिंह को भीतर से समर्थन दे दिया और वे चुनाव हार गए अब चुनाव समाप्त होते ही 6 महीने के अंदर पुनः उनकी दल में वापसी हो गई इससे गठबंधन में खटास तो आना ही है ऐसे लोग जो कहीं भी गठबंधन को कमजोर करने में लगे थे उन्हें किसी हाल में वापस नहीं लिया जा सकता है इससे एनडीए की समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा।