मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार 2006-2015 के बीच नियुक्त हुए 91 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों में से करीब 95 प्रतिशत शिक्षकों ने ही निगरानी जांच के विशेष पोर्टल पर अपने दस्तावेज अपलोड किये हैं. इस तरह अब चार हजार नियोजित शिक्षकों पर गाज गिरना तय है. जिन शिक्षकों ने अपनी दस्तावेज पोर्टल पर सबमिट नहीं किए है। उनके लिए बुरी खबर है कि सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किये जायेंगे । आपको बता दें नोटिस केवल औपचारिकता ही होगी. डिग्री अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों को नियोजित मान लिया जायेगा कि उनके दस्तावेज पूरी तरह फर्जी हैं. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ न केवल प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी, बल्कि उनसे अब तक दिये गये वेतन की वसूली भी की जायेगी. शिक्षा विभाग ने अपने एक आदेश में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख किया था। ऐसे में आपको बता दें कि एक मौका और दिया जा सकता है।