अपराध के खबरें

असामाजिक तत्वों ने पत्रकार के वाहन पर शराब रखकर फंसाने का रचा साजिशपत्रकार संगठन "आईरा" ने जिला प्रशासन से किया निष्पक्ष जांच की मांग



आलोक वर्मा की रिपोर्ट
नवादा : जिले में पत्रकार सुरक्षित नहीं है । प्रशासन के पूर्ण सहयोग नहीं मिलने से जिले के पत्रकार अवैध कारोबारियों एवं असामाजिक तत्वों निशाने पर है । जिले कौआकोल में असमाजिक तत्वों द्वारा पत्रकार रौशन कुमार सोनु के निजी वाहन पर शराब रखकर उन्हें फंसाने की साजिश रची गयी है। जिसको लेकर जिले के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। घटना को लेकर जिले भर के पत्रकारों ने जिला प्रशासन से मामले की निष्पक्षता से जांच कर साजिशकर्ता के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
   बताया जाता है कि रविवार की रात्रि 1 बजकर 20 मिनट पर कौआकोल पुलिस को कन्ट्रोल रुम पटना से सूचना मिली कि कौआकोल ब्लॉक गेट के सामने पत्रकार रौशन कुमार सोनु के बैगनआर गाड़ी से शराब उतारा जा रहा है। जिसके आलोक में कौआकोल पुलिस आनन-फानन वहां पहुंची तथा छापेमारी कर वाहन की पड़ताल की गई। इस क्रम में उक्त वाहन तथा आसपास से पुलिस को कुछ भी नहीं मिला। पुलिस उस स्थान पर 3 बजे तक डटी रही,लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ तदोपरांत पुलिस वहां से लौट गई। पुनः सोमवार की सुबह करीब 7 बजे कौआकोल पुलिस को पटना कन्ट्रोल रुम से सूचना दी गई कि रौशन कुमार सोनू के वाहन पर अंग्रेजी शराब रखा हुआ है। जिसके बाद पुलिस ने दुबारा वहां जाकर वाहन की पड़ताल किया। जिस क्रम में पुलिस ने उक्त वाहन के बोनट पर 375 एमएल की एक बोतल अंग्रेजी शराब तथा वाहन के बॉडी के ऊपर छत पर रखे 375 एमएल की एक बोतल अंग्रेजी शराब बरामद किया गया। पुलिस द्वारा वाहन को भी जब्त कर लिया गया है। खबर पूरे जिले में जंगल की आग की तरह फैल गई है । जिसके बाद जिले के पत्रकारों ने मामले की निष्पक्ष जांच करने तथा साजिशकर्ता के ऊपर कानूनी कार्रवाई करते हुए निर्दोष करने की मांग एसपी से किया है।
पत्रकार संगठन ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन(AIRA) के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि उक्त घटना का पुरी तरह जांच किया जाय, असामाजिक तत्वों और अवैध कारोबार में लिप्त लोग पत्रकारों के कार्य में बाधा डालने और सच्ची लेखनी को लेकर दुर्व्यवहार और मारपीट तथा झूठी मुकदमे में फंसाने की साजिश रची जा रही है । उन्होंने कहा कि इस घटना को निष्पक्षता पूर्वक जांच कराकर आरोपी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किया जाए । इस तरह साजिश कर पत्रकार को कठघरे में खड़ा करना सीधा- सीधा लोकतंत्र पर प्रहार है । जिसे हम पत्रकार कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे ।

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