मिथिला हिन्दी न्यूज :- ईद उल अजहा मुस्लिमों के लिए महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, इसे हम कुर्बानी का त्योहार भी बोल सकते हैं । ईद उल अजहा का त्योहार चांद दिखने के दस दिनों के बाद मनाया जाता है। आज मनाई जाएगी हालांकि ईद की तारीख चांद के दीदार से तय होती है। मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण त्योहार होता है। आपको बता दें इस्लाम मजहब की मान्यता के अनुसार, बताया जाता है अल्लाह ने हजरत इब्राहिम से सपने में उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी मांग की थी। हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बहुत प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला किया। अल्लाह के हुक्म की फरमानी करते हुए हजरत इब्राहिम ने जैसे ही अपने बेटे की कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी। कहते हैं तभी से बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा। इसलिए ईद-उल-अजहा यानी बकरीद हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है।