मिथिला हिन्दी न्यूज :- कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा रद्द कर दी है. बता दें पिछले साल भी कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा रद्द कर दी गई थी. इस साल कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होनी थी.
मालूम हो कि कांवड़ यात्रा में बिहार मुख्य रूप से मेजबान राज्य की भूमिका निभाता है, वहीं, यात्री मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी जैसे जिले से आते हैं. लोग सुल्तानगंज से गंगा नदी से गंगा जल लेकर बाबाधाम वहां मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं.
कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने फेसला लिया गया है
एक पखवाड़े चलने वाली यात्रा श्रावण महीने की शुरुआत (करीब 2 जुलाई) से आरंभ होकर और अगस्त के पहले हफ्ते तक चलेगी जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों समस्तीपुर,दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, बेगूसराय के लाखों कांवड़िए गंगा का पवित्र जल लेने के लिए सुल्तानगंज में जमा होते हैं. पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर की वजह से यात्रा को रद्द कर दिया गया था. देश में कोविड महामारी की तीसरी लहर दस्तक देने के लिए तैयार है.’
कैसे लोग पहली लहर के बाद लापरवाह हो गए थे और घातक दूसरी लहर के रूप में इसकी भारी कीमत चुकाई. देश के हित में सकारात्मक निर्णय लेने को कहा. खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही पर चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि सरकार को पिछली विफलताओं से सबक सीखते हुए भक्तों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं देनी चाहिए. धामी पहले ही कह चुके हैं कि कांवड़ यात्रा लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है और लोगों की जान बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने बीते कुछ दिनों के दौरान दिल्ली में प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है.