मिथिला हिन्दी न्यूज :- मधुबनी जिले के बासोपट्टी प्रखंड स्थित खौना बार्डर पर सोमवार को स्थानीय लोगों ने नेपाल सशस्त्र प्रहरी के विरूद्ध जमकर बवाल काटा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नेपाल सशस्त्र प्रहरी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। वे अभद्रता से पेश आते हैं। लोगों का कहना है कि कोरोना काल में पिछले करीब डेढ़ सालों से भारत-नेपाल सीमा बंद है। हालांकि, दोनों देशों के बीच वर्षों से कायम बेटी-रोटी के संबंध के कारण लोगों के पैदल आवाजाही पर प्राय: सभी बार्डर पर व्यावहारिक रूप से कोई रोकटोक नहीं होती। दोनों देशों के बीच की सीमा खुली है और अगल-बगल के सीमावर्ती गांवों में उनकी रिश्तेदारी है।ऐसे में कोरोना काल में भी आधिकारिक रूप से सीमा बंद होने के बावजूद लोगों का अन्य वैकल्पिक मार्गेों से पैदल आवागमन कभी नहीं रुका।लोगों का आरोप है कि खौना बार्डर पर तैनात नेपाल सशस्त्र प्रहरी के जवान भारतीय लोगों के साथ अभद्रता से पेश आते हैं। इसी बात को लेकर सोमवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और बड़ी संख्या में लोग सौना बार्डर पर जुट गए। हालांकि, नेपाल सशस्त्र प्रहरी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई।बता दें कि कोरोना संक्रमण के दो लहरों के दौरान करीब डेढ़ साल से भारत-नेपाल सीमा सील है। लोगों व वाहनों के आवागमन पर आधिकारिक रोक है। हालांकि, इन डेढ़ सालों के दौरान सीमा के दोनों ओर के लोगों का आना-जाना भी लगा रहा है। सीमा पर अभी भी शराब तस्करी का खेल जोरों पर है। तकरीबन हर दिन सीमा पर शराब के साथ धंधेबाज पकड़े जा रहे हैं। नेपाल से मानव तस्करी का घिनौना खेल भी चल रहा है। एक दिन पहले ही तीन नेपाली बच्चियों व दो महिलाओं को पुलिस ने सकरी में मानव तस्कर गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया है। इधर, नेपाल में जारी राजनीतिक हलचल से लोगों में उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में भारत-नेपाल के मधुर संबंध एक बार फिर स्थापित होंगे।