मिथिला हिन्दी न्यूज :- संसाधन और आवश्यकता को पूर्ति हेतु जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है।
विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भारत है। एक मार्च सन 2001 को भारत की कुल जनसंख्या 1027 मिलियन याने एक अरब 27 करोड़ हो चुकी थी। यह संख्या विश्व की कुल जनसंख्या के 16.7 प्रतिशत के बराबर है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि विश्व का हर छठवां व्यक्ति भारतीय है। चीन हमसे एक कदम आगे है क्योंकि विश्व में हर पाँचवा व्यक्ति चीन का है। भारत में उपलब्ध भूमि विश्व की कुल भूमि का 2.42 प्रतिशत ही है और इतनी ही भूमि पर विश्व की कुल जनसंख्या का करीब 17 प्रतिशत भारत में है।
क्षेत्रीय प्रसार की दृष्टि से विश्व में भारत का स्थान रूस, कनाडा, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और आस्ट्रेलिया के बाद सातवां है। चीन को छोड़ दें तो बचे पाँचों बड़े क्षेत्रफ़ल वाले देशों की कुल जनसंख्या भारत की जनसंख्या के मुकाबले बहुत कम है। इन पाँचों देशों के क्षेत्रफ़ल को मिला दें तो वह भारत के क्षेत्रफ़ल से 16 गुना बड़ा क्षेत्रफ़ल होगा और इस क्षेत्रफ़ल में रहने वाली आबादी की मिली जुली जनसंख्या भारत की जनसंख्या से बहुत कम है। यह तथ्य दर्शाता है कि सीमित भूमि संसाधन में इतनी विशाल जनसंख्या के कारण हम कितने असहाय एवं अवरोधों से ग्रसित हैं।