मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में सरकारी कर्मचारियों को अब संपत्ति छिपाने वाले ऐसे सरकारी सेवकों पर न केवल अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उनको आपराधिक केस का भी सामना करना पड़ेगा। दिल्ली से आंख का इलाज करा कर लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ताबड़तोड़ फेसला ले रहे हैं। सरकारी सेवकों द्वारा चल-अचल संपत्ति का ब्योरा और खरीद-बिक्री की जानकारी दिए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा पहले से तय किया गया है. 25 मार्च 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मार्गदर्शन भी जारी किया गया है, इसके बावजूद यह देखा जा रहा है कि सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन कई स्तरों पर नहीं किया जा रहा है. सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड के अनुसार संपत्ति का ब्योरा देना है. फरवरी का वेतन संपत्ति का ब्योरा देने के बाद ही भुगतान का प्रावधान भी है, साथ ही अगर कोई अचल संपत्ति मसलन जमीन-मकान या फ्लैट-गाड़ी खरीदनी है तो 1 माह के अंदर सरकार को इसकी जानकारी देनी जरूरी है।