मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार विधानसभा में इकलौते निर्दलीय विधायक व विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह फिर एक बार चर्चा में है और इस बार चर्चा देसी गोपालन को बढ़ावा देने को लेकर है विदित हो कि सुमित कुमार सिंह बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं उनके भाई अजय प्रताप जमुई से विधायक रह चुके हैं परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत रही है खुद सुमित कुमार सिंह 2010 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीते थे तथा 2020 में निर्दलीय विधायक के तौर पर चुनकर विधानसभा पहुंचे नीतीश सरकार का समर्थन किया है इस कारण से उन्हें बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया है सजग है जनप्रिय है। सुमित कुमार सिंह जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र के निवासी भी हैं इनका गांव है पकरी मंत्री बनने के बाद भी अधिकांश समय अपने गांव में ही व्यतीत करते हैं यहां क्षेत्र के लोगों के लिए सुबह सवेरे जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन होता हजारों की तादाद में लोग आते हैं और सभी लोगों को शुद्ध देसी गाय के दूध के बने व्यंजन परोसे जाते हैं और आपको जानकर आश्चर्य होगा कि खुद मंत्री जी की गौशाला में देसी नस्ल की दर्जनों गाय हैं जो रिकॉर्ड दूध क्षमता वाली है। जानकार बताते हैं कि मंत्री जी की गौशाला में देसी नस्ल की गायों की भरमार है और उनके उचित देखरेख की भी व्यवस्था है गायो के दूध देने की क्षमता में रिकॉर्ड है। दूर-दूर से लोग मंत्री जी की गौशाला को देखने आते हैं वहां की व्यवस्था को समझते हैं प्रतिदिन सैकड़ों लीटर दूध का उत्पादन होता है। देसी नस्ल की गायों को बचाने के लिए मंत्री सुमित कुमार सिंह के द्वारा अभियान भी चलाया जा रहा है उनके पिता पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह भी अक्सर अपनी गौशाला में नजर आ जाते हैं गौशाला में देसी नस्ल के गोमूत्र और गोबर तक का औषधीय इस्तेमाल किया जाता है देसी नस्ल की गायों के पालन के साथ ही साथ मंत्री सुमित कुमार सिंह घोड़े पालने के भी शौकीन है इनके अस्तबल में घोड़े भी आपको नजर आ जाते हैं पर ऐसा नहीं है कि यह सब कुछ मंत्री बनने के साथ शुरू हुआ है गाय और घोड़े पालने की परंपरा उनके यहां वर्षों से चली आ रही है। मंत्री सुमित कुमार सिंह बताते हैं कि उनका परिवार मूलत किसान परिवार आज भी जब गांव आते हैं तो अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाते कृषि कार्य करते नजर आ जाते हैं देसी गोपालन के संबंध में उन्होंने कहा कि देसी गाय के दूध में औषधीय गुण भरपूर है। इसी कारण से उनके और उनके परिवार के द्वारा देसी गोपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।