पप्पू कुमार पूर्वे
बिहार सरकार द्वारा राज्य के सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसों में एडोलसेन्स एजुकेशन प्रोग्राम के तहत चयनित नोडल टीचर्स का सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी के तहत मधुबनी जिला भर के मदरसों से चयनित 40 नोडल टीचर्स के सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत आज मधुबनी जिले के जयनगर के बेला स्थित मदरसा गौसिया सिराजुल मुसलेमीन में हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय समाजसेवी रामदास हजरा ने सभी नोडल टीचर्स और ट्रेनर्स, को-ट्रेनर्स, रिसोर्स पर्सन्स, मोडरेटर्स की उपस्थिति में किया। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे प्रशिक्षु शिक्षकों को शुभकामनाएं दी और प्रशिक्षण का लाभ उठाकर शिक्षा जगत में बदलाव लाने को कहा। यह प्रशिक्षण आगामी एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलेगा। प्रशिक्षण आवासीय है, और सभी प्रशिक्षु मदरसा शिक्षकों के लिए बिहार सरकार की ओर से भोजन, आवास, यात्रा भत्ता, स्टेशनरी एलाउंस, ट्रेनिंग किट इत्यादि की व्यवस्था की गई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन के समय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के स्टेट को-ऑर्डिनेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर सोनू रजक ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण से शिक्षकों के पढ़ाने की शैली में निखार आता है, और बेहतर शिक्षा से ही बिहार में साक्षरता दर को भी बढ़ाया जा सकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को बिहार सरकार का मदरसा शिक्षा बोर्ड स्पॉन्सर कर रहा है, और इसमें यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी का भी सहयोग मिल रहा है।
प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सदरे आलम ने बताया कि प्रशिक्षण बिहार सरकार के द्वारा मुसलमानों के लिए आयोजित किया गया है, और सोनू रजक एक गैर मुस्लिम होते हुए इस्लाम की दीनी तालीम के लिए समर्पित हैं, इसीलिए उनका शुक्रगुजार करता हूँ।
सात दिनों तक चलने वाले इस आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 5 मॉड्यूल्स में कुल 50 एक्टिविटीज के माध्यम से प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए मधुबनी जिला के मदरसों से चयनित नोडल टीचर्स में उत्साह है। प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। मधुबनी के बाद यह प्रशिक्षण सुपौल, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार इत्यादि जिलों में होगा।