संवाद
भाकपा(माले) केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन के असामयिक निधन से सम्पूर्ण पार्टी परिवार कतार मे शोक की लहर दौर पड़ी, पार्टी जिला कार्यालय मे शोक सभा कर उनको श्रधांजलि अर्पित किया गया। मौके पर उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि
अपने समय के सर्वश्रेष्ठ रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, दुर्गापुर के प्रतिभावान छात्र के रूप में वह नक्सलबाड़ी आंदोलन से जुड़ गए थे। चमकदार कैरियर की राह को छोड़कर वे गरीब मजदूर-किसानों के भारत बनाने की लड़ाई में पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में शरीक हो गए।
भाकपा माले के दूसरे महासचिव कॉमरेड विनोद मिश्र के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ कर उन्होंने नक्सलबाड़ी आंदोलन में बिहार के दहकते खेत खलिहानों का रास्ता चुन लिया। माले के नक्सलबाड़ी के दौर से आज तक जनता की महान क्रान्तिकारी परम्परा की जीवित अंतिम कड़ियों में से वे एक थे।
बंगाल, झारखंड, बिहार के गांवों में संघर्षों को संवारते हुए वे भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य रहे। अंतिम समय में वे लोकयुद्ध पत्रिका के प्रधान संपादक थे। पत्रकारिता में वे आर्थिक विषयों पर लिखने वाले एक प्रतिष्ठित नाम रहे।
उनका जीवन बेहद सरल था। वे गम्भीर और गहन विषयों को भी बेहद आसान तरीके से पेश कर देते थे। गंभीर से गंभीर विषयों को अपने कष्ट साध्य प्रयासों के जरिये न्यूनतम समय में पूरा कर देना उनकी खासियत थी।
लंबे समय से गंभीर हृदय रोग से पीड़ित होने के वावजूद उनके पढ़ाई-लिखाई पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। वे हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला भाषा में सिद्ध हस्त थे।
भाकपा माले के संगठनकर्ता के तौर पर उन्होंने अपनी भूमिका भी सफलता से निभाई। सालों अपने पैतृक गांव से दूर रहने के बावजूद वे पहाड़ी जानने वालों से कुमाउँनी में ही संवाद करते थे।
अच्छे पति के साथ वे अपनी पुत्रियों के एक बहुत अच्छे पिता भी साबित हुए। संघर्ष पूर्ण हालातों में अभावग्रस्त जीवन के बावजूद उन्होंने रचनात्मकता को आगे बढ़ाया।
कॉमरेड बीबी पांडे आप हमेशा यादों में बने रहेंगे। आप का संघर्ष जनता की लड़ाइयों में आगे बढ़ता रहेगा। शोक सभा का संचालन नगर कमिटी सदस्य प्रो कामेश्वर पासवान ने किया। दिवंगत कॉमरेड पाण्डे जी को श्रद्धांजलि देने वाले मे भाकपा(माले) जिला कमिटी सदस्य देवेन्द्र कुमार, वरिष्ठ नेता लक्ष्मी पासवान, प्रो कल्याण भारती, रानी शर्मा, सदीक भारती, रामदेव मंडल उर्फ गंगा जी, उपेन्द्र राम, मनीष खातुन और खुशबु कुमारी आदि मौजूद थे।