सावन के महीने के मंगलवार को हनुमानजी की साधना बड़ी फलदायी मानी जाती है. यह उपाय सारे कष्टों को दूर करता है और साथ ही ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. अगर बजरंग बली को प्रसन्न करना है और साथ ही शिव जी का आशीर्वाद पाना है तो श्रावण महीने में हनुमान जी का पूजन जरूर करना चाहिए।
सावन माह के किसी भी मंगलवार को नहा-धोकर साफ धुले हुए वस्त्र पहनें. इसके बाद नजदीकी हनुमान मंदिर में जाकर चमेली के तेल तथा सिंदूर मिश्रित चोला चढ़ाएं. साथ ही चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें. दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें. चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें. अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें. कम से कम 5 माला जप अवश्य करें.
मंत्र-
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।
सावन के किसी भी मंगलवार को सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें. अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें. अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें आपको धन के मामलों में कुछ हद तक राहत मील सकता है।
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