हल्दी को आयुर्वेद में औषधि माना जाता है. हल्दी का सेवन करने से तमाम बीमारियों से बचाव होता है. वहीं धार्मिक कार्यों में भी हल्दी का विशेष स्थान है. हल्दी की गांठ का प्रयोग पूजा पाठ के दौरान किया जाता है. शादी के दौरान भी वर और वधू को हल्दी लगाई जाती है ताकि उन्हें तमाम बाधाओं से बचाया जा सके. लेकिन ज्योतिष में हल्दी का संबन्ध बृहस्पति से माना गया है. बृहस्पति को देव गुरू माना जाता है. यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में हों, तो उसके जीवन में आने वाली तमाम समस्याएं खुद ही दूर हो जाती हैं. यहां जानिए हल्दी के कुछ ऐसे उपाय जो आपके बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने में मददगार साबित होंगे। हल्दी के चंदन से शिव को चंदन लगाना चहिए लाभकारी हो सकता है।सावन महीने में गुरुवार व्रत का लाभ अत्यंत शुभदायक है. मगर इसे करने से पहले जानना जरूरी है कि यह किसके लिए हैं और इसकी क्या विधि है. दरअसल गुरुवार बृहस्पति ग्रह का वार है, यह दिन ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन है. ऐसे में अगर किसी की कुंडली में 6वें, 7वें, 8वें और 10वें भाव में गुरु है, आपकी राशि धनु, मीन है तो आप श्रावण गुरुवार व्रत रख सकते हैं.
कुंडली में अल्पायु योग हैं या जीवन रेखा कमजोर है तो गुरुवार व्रत लगातार रखकर गुरु का उपाय करना चाहिए, गुरु ही लंबी आयु भी देंगे. गुरु अगर शत्रु ग्रह के साथ हैं तो भी यह व्रत लाभ देगा. कुंडली में बृहस्पति कमजोर हैं और शुक्र, बुध या राहु के साथ है तो गुरुवार व्रत जरूरी है, क्योंकि बृहस्पति से ही भाग्य जगता है. विवाह में कठिनाई है या वैवाहिक जीवन सुखमयी नहीं है तो भी श्रावण गुरुवार व्रत लाभकारी होगा. जिंदगी में हर मोड़ पर असफलता मिल रही है या कोई सुख नहीं है तो गुरुवार व्रत पूरा परिणाम देगा. किसी भी तरह की मनोकामना के लिए श्रावण मास से 11 गुरुवार का व्रत बहुत फायदेमंद होगा।