पप्पू कुमार पूर्वे
मधुबनी जिला के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से तीन किलोमीटर दक्षिण पश्चिम अवस्थित शिलानाथ महादेव सैकड़ों वर्षो से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। लोगों की आस्था ऐसी कि जो भी श्रद्धालु मिथिला का भ्रमण करने आते वो अवश्य शिलानाथ महादेव का दर्शन करने पहुंचते हैं।
पौराणिक महत्व है शिलानाथ का
सैकड़ों वर्ष से स्थापित शिलानाथ महादेव का पौराणिक महत्व है। धार्मिक ग्रंथ वर्षकृत में भी शिलानाथ महादेव का वर्णन है। कहा जाता है कि बनारस में काशी विश्वनाथ की स्थापना काल में ही शिलानाथ महादेव की भी स्थापना की गई थी। ताकि मिथिलाचल के लोगों को काशी विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य शिलानाथ महादेव के दर्शन से ही प्राप्त हो सके। प्राचीन काल में कमला नदी भी इसी मंदिर के बगल से होकर गुजरा करती थी।सैकड़ों वर्ष से स्थापित शिलानाथ महादेव का पौराणिक महत्व है। धार्मिक ग्रंथ वर्षकृत में भी शिलानाथ महादेव का वर्णन है। कहा जाता है कि बनारस में काशी विश्वनाथ की स्थापना काल में ही शिलानाथ महादेव की भी स्थापना की गई थी। ताकि मिथिलाचल के लोगों को काशी विश्वनाथ के दर्शन का पुण्य शिलानाथ महादेव के दर्शन से ही प्राप्त हो सके। प्राचीन काल में कमला नदी भी इसी मंदिर के बगल से होकर गुजरा करती थी। शिवरात्रि एवं सावन महीने में यहां लोगों की भारी भीड़ जुटती है।
शिलानाथ मन्दिर में दर्शन करने के लिए कैसे पहुंचे:
जयनगर रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैण्ड से ऑटो अथवा अन्य साधनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। एनएच 105 के किनारे डीबी कॉलेज के पीछे शिलानाथ महादेव मंदिर विराजमान हैं।