पप्पू कुमार पूर्वे
मिथिला हिन्दी न्यूज :- महिलाओं ने हरतालिका तीज का पर्व उत्साह धूमधाम के साथ मनाया। इस अवसर पर मंदिरों, बाजारों में काफी रौनक नजर आई। बाजार में पूजा व अन्य सामग्रियों की खरीददारी के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही। विवाहित स्त्रियों ने व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना की। साथ ही परिवार की सुख-शांति, समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी रचाई थी। मां पार्वती की हथेली में रची मेहंदी को देखकर भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए। इसलिए इस दिन महिलाएं व्रत करके मां पार्वती और भोलेनाथ से अटल सुहाग की कामना करती हैं। श्रावणी तीज के दिन झूले झूलने की भी परंपरा रही है। कहा जाता है इस दिन झूला जरूर झूलना चाहिए, इससे सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
हरियाली तीज के संबंध में कहा जाता है कि इस दिन सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद माता पार्वती भगवान शिव से मिल पाई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने 107 बार जन्म लिया, फिर भी वे उन्हें पा ना सकी। उन्होंने 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया और शिव को पति रूप में पाने के लिए पुन: तप प्रारंभ किया। इस बार श्रावण शुक्ल तृतीया के दिन उनके तप का फल मिला और शिव जी को पति के रूप में प्राप्त किया।
कहते हैं इस दिन जो महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करती हैं, उनकी जोड़ी को लंबी आयु का वरदान शिवजी से प्राप्त होता है। स्थानीय महिला उर्मिला सूद का कहना है कि हर साल महिलाओं के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाती है। इस त्योहार को पूरी तरह से निराहार रहकर ही मनाया जाता है, और भगवान शिव व पार्वती की आराधना का भी इसमें विशेष महत्व है।