जिनमे मुख्य तौर पर डॉ सुरेंद्र प्रसाद,प्रो.कुमारी मृदुला रानी,डॉ गुलाम सर्वर,प्रो.संतोष कुमार,प्रो.अनिलेश,डॉ विनय कुमार पाठक,प्रो.युगेश्वर साह,डॉ बिनोद कुमार चौधरी, डॉ चंद्र शेखर प्रसाद, ठाकुर भारतेंदु जी,प्रभास कुमार,मुकेश कुमार,आलोक कुमार,उपस्तिथ थे।
डॉ चौरसिया ने इस अवसर पर सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर जीवन मे आगे बढ़ना है तो हमेशा ईमानदारी के रास्ते पर चलना चाहिए और अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए तभी आप जीवन मे सफल हो सकते है साथ ही उन्होंने सभी शिक्षक एवम शिक्षकत्तर कर्मचारियों का भी धन्यबाद किया जिन्होंने कोरोना काल जैसी बिषम परिस्थिति मे भी संयम कायम रखते हुए महाविद्यालय की ब्यबस्था को बनाये रखा।
रसायनशास्त्र के प्राचार्य डॉ सुरेंद्र प्रसाद ने डॉ भोला चौरसिया के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एक लंबा वक्त सर के सानिध्य में गुजरा है जहाँ हर दिन नई बाते सिखेने को मिली
एक बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को कदम कदम पर मार्गदर्शन दिया चाहे वो महाविद्यालय से संबंधित कार्य हो या विश्विद्यालय से जुड़ी समस्याएं हो हमेशा यही कहा कि सब ठीक है आप बस अपना काम करते रहे अपनी बातों को कहते हुए डॉ प्रसाद कई बार भावुक हो गए कभी भी डॉ चौरसिया ने ये नही महसूस होने दिया कि वो इतने बड़े अधिकारी है
उर्दू बिभाग के प्राचार्य डॉ गुलाम सर्वर ने कहा कि डॉ भोला चौरसिया हमेशा सदा जीवन उच्च विचार रखने वाले व्यक्ति है इन्होंने आपने पूरे जीवन को सादगी और ईमानदारी से बिताया है ।इसके बाद सभी ने डॉ चौरसिया के साथ अपने कार्य अनुभवो को सांझा किया और उनके लंबे एवम स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए शाल और पाग दे कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का धन्यबाद ज्ञापन डॉ हरे कृष्ण चौधरी ने किया।डॉ भोला चौरसिया विश्विद्यालय अधिकारी के रूप मे इंस्पेक्टर तथा डी. एस. डब्लू. के पद पर भी दो बार अपना योगदान दे चुके है इनका कार्यकाल काफी संतोषजनक रहा।एक कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी के तौर पर डॉ भोला चैरसिया को जाना जाता है।