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आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया अन्नप्राशन दिवस

- विशुनपुरवां केंद्र सं० 151, 152 में हुआ अन्नप्राशन का आयोजन

प्रिंस कुमार 

मोतिहारी, 21 सितंबर- जिले के सुगौली प्रखंड क्षेत्र में समेकित बाल विकास सेवा परियोजना कार्यालय द्वारा प्रखंड के विभिन्न केन्द्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। प्रखंड समान्यवक मो कामरान आलम ने बताया कोरोना के संक्रमण के चलते आंगनबाड़ी केंद्र की गतिवधियां बाधित थीं लेकिन अब फिर से इन्हें शुरू किया वहीं सुगौली के विशुनपुरवां केंद्र सं० 151, 152 में इसका आयोजन किया गया है। अन्नप्राशन दिवस माह की 19 तारीख़ को मनाया जाता है। उन्होंने बताया अन्नप्राशन छह माह की आयु पूरे कर चुके बच्चों का मनाया जाता है। बच्चे को खीर खिलाकर उसका अन्नप्राशन कराया गया। साथ ही बच्चे की माँ और अन्य महिलाओं को अन्नप्राशन के महत्त्व के बारे में बताया। महिलाओं को बताया गया कि छह माह तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही देना चाहिए, लेकिन उसके बाद बच्चे के लिए माँ का दूध पर्याप्त नहीं होता है इसलिए माँ के दूध के साथ ऊपरी आहार बहुत जरूरी होता है, ऐसे में बच्चे को मसली हुयी दाल, चावल,केला, आलू, सूजी की खीर खिलाएं। साथ ही इसमें तेल या घी भी डालें। बच्चे को थोड़े– थोड़े दिन में कई बार खाना खिलाएं । इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को अलग व साफ स्वच्छ बर्तन में खाने को दें । खाना खिलाने से पहले उसके हाथ अच्छे से धोएं | जिस बर्तन में बच्चे को खाने को दें वह साफ़ हो। शिशु के स्वास्थ्य में स्वच्छता का होना बेहद जरूरी है, साफ सफाई का पालन करने वाले शिशु कम बीमार पड़ते हैं वही उन्हें गन्दगी में रहने, खेलने वाले बच्चे ज्यादा बीमारियों के शिकार होते हैं। वैसे बच्चों का शारिरिक व मानसिक विकास आम बच्चों की तुलना में कम हो पाता है, कभी कभी ऐसे बच्चों में कृमि के कारण खून में कमी, कुपोषण के प्रभाव को देखा जाता है। इसलिए बच्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता है । साथ ही उसे स्वस्थ्य आहार देने, फल , हरी सब्जियां, दूध के बने भोजन देने की जरूरत है।
सुगौली ब्लाक की बाल विकास परियोजना महिला प्रवेक्षिका रेणु कुमारी ने बताया अन्नप्राशन हमारी संस्कृति का एक महत्पूर्ण भाग है। यह एक संस्कार है जो कि घरों में बच्चे के छह माह पूरे होने के बाद किया जाता है। इसे ही अब आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सामुदायिक गतिविधि के रूप में मनाया जाता है जिसके माध्यम से लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है ।
निरीक्षण के मौके पर बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका रेणू कुमारी, प्रखंड समन्वयक मो. कामरान आलम, समेत अन्य सेविका, सहायिका मौजूद थे ।

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