कहा गया है अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता पर बिहार वाले गुड्डू बाबा अकेले ही आंदोलन के प्रणेता बन गए हैं गंगा को बचाते बचाते सरकारी जमीन गौशाला की जमीन सरकारी हॉस्पिटल पटना शहर के अतिक्रमण तक को दुरुस्त करवा चुके हैं। जनहित याचिकाओं के माध्यम से आम आदमी की आवाज मने गुड्डू बाबा खुद में एक बड़ी मिसाल है ईमानदारी के प्रतीक है।अपने घर परिवार सब से खुद को अलग कर चुके गुड्डू बाबा ने 28 वर्षों के बाद असंख्य लावारिस लोगों के आत्मा की शांति के लिए अपना मुंडन करवाया जिस सफेद दाढ़ी से उनकी पहचान थी उसको भी उन्होंने लावारिस लोगों के आत्माओं की शांति के लिए दान कर दिया। बिहार के सबसे ईमानदार व्यक्ति का तमगा न्यायालय से हासिल कर चुके विकास चंद्र गुड्डू बाबा मूल रूप से सिवान जिले के गोरिया कोठी के निवासी हैं विगत 28 वर्षों से सामाजिक न्याय की लड़ाई अकेले अपने दम पर लड़ रहे हैं इनके ही लड़ाई के बदौलत पटना अतिक्रमण मुक्त हुआ है पीएमसीएच का उद्धार हुआ है और गंगा में लावारिस लाशों को बहाने पर रोक लगवाने में भी इन्होंने पटना से लेकर नई दिल्ली तक लंबी लड़ाई लड़ी है लावारिस मृत लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने आयोग के भी यह सदस्य हैं।