मिथिला हिन्दी न्यूज :- बीते 12 दिनों में 4 बिहारी जम्मू कश्मीर में मारे गए हैं। लेकिन बिहार के नेताओं को सांप सूंघ गया हैं। कही से कोई हरकत की खबर नहीं। इनको सिर्फ निंदा करने और भर्त्सना करने आता हैं। भर्त्सना करने से क्या आतंकवादी मारना छोड़ देंगे। 4 बिहारियों की हत्या के बाद बिहार के लोग भी यह जानना चाह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे को लेकर कितने गंभीर हैं। विपक्ष भी इस मामले में सरकार पर कोई ठोस दबाव नही बना रहा। अभी सब उपचुनाव में लगे हुए हैं क्योंकि उनके लिए 4 बिहारियों की जान की कीमत से ज्यादा वोट इंपोर्टेंट हैं। लेकिन हमारा काम हैं सवाल पूछना और हम पूछेंगे? 2 लाख रूपया देकर सरकार पल्ला झाड़ रही हैं। क्या उससे मरने वालों के परिजनों का जीवन कट जाएगा? जो मारे गए हैं उसके घर पर कितने नेता मिलने गए हैं चाहे वो सत्ता पक्ष के हो या विपक्ष के? अभी 4 मरे हैं आगे और मारे जायेंगे लेकिन मरने वालों के परिवार की जिम्मेदारी किसकी होगी? बिहार के लोग मरे या जिएं नेताओं को इस बात की कोई परवाह नहीं हैं। बिहारी ही तो हैं कही मर खप गया तो क्या हो गया।