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जयनगर में बनारस के तर्ज पर कमला आरती,दुर्गा आरती व दीपों की जगमगाहट से चहक उठा कमलानदी का तट

पप्पू कुमार पूर्वे 
कमला आरती पूजा समिति जयनगर ओर से पर्ण कुटी मंदिर जयनगर कमला तट पर कमला आरती और दुर्गा आरती व दीप महोत्सव कार्यक्रम आज सोमवार को बड़ी ही धूमधाम से किया गया। भक्तिमय भजनों पर श्रोता झूमने को मजबूर हो गए। बालक दास बाबा,पंडित अरविंद तिवारी की देखरेख में मां कमला का विविध पूजन अर्चना की गई ।मंत्रोउच्चारण के साथ लोंगो ने मां कमला की आरती की, वही उपस्थित श्रद्धालुओं ने दीप जलाए। दीपकों से मां कमला का आंचल कई घंटों तक अलौकिक छटा बिखेरता रहा।बता दे पहली बार जयनगर में बनारस की तरह माँ कमला की आरती जून महीना में गंगा दशहरा के दिन इसकी शुरुआत जयनगर में की गई थी। कमिटी के सदस्यों का कहना है।यह आरती कार्यक्रम प्रत्येक सप्ताह में सोमवार के दिन किया जाता है।आज यह कार्यक्रम का अठारहवां दिन था।समिति के सदस्यों ने लोगों के सुख-समृद्धि व सलामती के लिए कमला मैया से प्रार्थना की। कमला आरती के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया गया।इस मौके पर बालक दास बाबा,नगर पंचायत के अध्यक्ष कैलाश पासवान,पंडित अरविंद तिवारी, राज कुमार सिंह, कालिकांत झा,धीरेंद्र झा,दिलीफ़ महतो,पप्पू चौरवार,बबलू पंजियार,रामदास हजरा,दिनेश वर्मा,उपेंद्र नायक,अमित मांझी,प्रशांत झा,सन्तोष शर्मा,पप्पू पूर्वे,लक्ष्मण यादव,दीपक सिंह,अजय कापर,दीपक खर्गा,रामप्रसाद राउत,वकील पूर्वे सहित अन्य मौजूद थे।

मिथिलांचल के लोग कमला को छोटी गंगा भी कहते हैं। यह नदी नेपाल के हिमालयी क्षेत्रों से बहकर जयनगर बॉर्डर होते बिहार में प्रवेश करती है। मिथिलांचल के 10 लाख से अधिक लोगों के लिए कमला जीवनदायिनी है। हर साल कमला में आने वाली बाढ़ उपजाऊ मिट्टी लेकर भी आती है। महापर्व छठ से लेकर विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कमला तट पर होते है।

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