मिथिला हिन्दी न्यूज :- समाज में जहां एक ओर रावण को राक्षस माना जाता है और उसके पुतले को जला कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है वहीं इसी समाज के तमाम लोग रावण को महान मानते हैं और उसकी पूजा करते है। लोगों का तर्क है कि रावण कोई राक्षस नहीं था और न ही सीता हरण के पीछे कोई गलत इरादा था।बिहार के सीमावर्ती किशनगंज जिले का इतिहास बहुत प्राचीन है। महाभारत कालीन इतिहास से जिले की पहचान तो है ही लेकिन 70% इस मुस्लिम बहुल जिले में लंकाधिपति रावण की भी पूजा की जाती है।रावण का यह मंदिर किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित काशी बाड़ी गांव में स्थित है, जहां विधि विधान के साथ रावण की पूजा की जाती है। मंदिर में रावण की पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई है। ग्रामीणों द्वारा पूरे विधि विधान से जहां अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है, वहीं लंकेश्वर की भी पूजा और आरती होती है।